मरणोत्तर संस्कार के विकृत स्वरूप से बचें। श्राद्ध संस्कार रहस्य-2

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पितृपक्ष की हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक मान्यता होती है. माना जाता है कि पितृपक्ष में पितरों की पूजा-आराधना करने पर पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

पितृ पक्ष को श्राद्ध भी कहा जाता है और इन दिनों में पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है.

पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर सर्वपितृ अमावस्या तक के समय को पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष (Shraddh Paksh) कहा जाता है.

इस साल पितृ पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 17 सितंबर से हो चुका है परंतु श्राद्ध की प्रतिपदा तिथि को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है जिस चलते पहला श्राद्ध 18 सितंबर, बुधवार से माना जा रहा है.

जानिए पहले श्राद्ध पर किस तरह किया जा सकता है पितरों का तर्पण.

मरणोत्तर संस्कार का रहस्य-2। श्राद्ध पक्ष विषेश। पितरों को खुश करने का उत्सव। #श्राद्धपक्ष2024 #yogatantra #श्राद्ध

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