नरकासुर वध - कैसे सुदर्शन चक्र से किया श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध श्रीकृष्ण नरकासुर युद्ध

Описание к видео नरकासुर वध - कैसे सुदर्शन चक्र से किया श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध श्रीकृष्ण नरकासुर युद्ध

नरकासुर वध - कैसे सुदर्शन चक्र से किया श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध श्रीकृष्ण नरकासुर युद्ध

नरकासुर एक राक्षस था, जिसका भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की सहायता से संहार किया था। उसने 16 हजार लड़कियों को कैद कर रखा था। भगवान कृष्ण ने उसका संहार कर 16 हजार लड़कियों को कैद से आजाद करवाया था। तत्पश्चात उन लड़कियों को उनके माता पिता के पास जाने का निवेदन किया , जिसे उन्होनें अश्विकार कर कृष्ण से विवाह का प्रस्ताव रखा ,बाद में यही कृष्ण की सोलह हजार पत्नियां ऐवं आठ मुख्य पटरानियां मिलाकर सोलह हजार आठ रानियां कहलायी ।नरका सुर के बध के कारण इस दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाते हैं । उत्तर भारतीय महिलायें इस दिन " सूप " को प्रात: काल बजाकर 'इसर आवै दरिद्दर जावै ' कहते हुऐ 'सूप' को जला देते हैं । इस दिन को कहीं कहीं " हनुमत् जयंति " के रूप में भी मनाते हैं ।

           कथा
👇👇👇👇👇👇
प्रागज्योतिषपुर नगर का राजा नरकासुर नामक दैत्य था। उसने अपनी शक्ति से इंद्र, वरुण, अग्नि, वायु आदि सभी देवताओं को परेशान कर दिया। वह संतों को भी त्रास देने लगा। महिलाओं पर अत्याचार करने लगा। उसने संतों आदि की 16 हजार स्त्रीयों को भी बंदी बना लिया। जब उसका अत्याचार बहुत बढ़ गया तो देवता व ऋषिमुनि भगवान श्रीकृष्ण की शरण में गए। भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें नराकासुर से मुक्ति दिलाने का आश्वसान दिया। लेकिन नरकासुर को स्त्री के हाथों मरने का श्राप था इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाया तथा उन्हीं की सहायता से नरकासुर का वध कर दिया।

इस प्रकार श्रीकृष्ण ने कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर का वध कर देवताओं व संतों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई। उसी की खुशी में दूसरे दिन अर्थात कार्तिक मास की अमावस्या को लोगों ने अपने घरों में दीए जलाए। तभी से नरक चतुर्दशी तथा दीपावली का त्योहार मनाया जाने लगा।

Комментарии

Информация по комментариям в разработке