दीपावली की रात जुआ खेलना शुभ या अशुभ देखें पूरी रिपोर्ट नेशनल पावर टीवी deepawali स्पेशल रिपोर्ट

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दिवाली पर पूछे जाने वाला सबसे बड़ा सवाल दीपावली की रात जुआ और पत्ते खेलना शुभ या अशुभ जुआ खेलते हैं तो किन चीजों का रखना चाहिए ध्यान कितना भयानक है जुआ खेलने का इतिहास दीपावली की रात आपको कई परंपरा देखने को मिल जाएगी कहीं दीपावली की रात काजल लगाया जाता है तो कहीं सूप पीटने की परंपरा है और एक परंपरा अलाई बलाई निकालने की भी है शाम को तारा देखकर अलाई बलाई निकाली जाती है तो कहीं जुआ खेला जाता है अब सवाल उठता है कि आखिर जुआ क्यों खेला जाता है आज इसी बात पर दिवाली की रात जुआ खेलना कुछ लोग इसलिए मानते हैं कि दिवाली की रात एक बार भगवान शिव और माता पार्वती ने चौसर खेला था जिसमें भगवान शिव पराजित हो गए थे तभी से यह प्रथा दीपावली के साथ जुड़ गई हालांकि इसके बारे में कोई ठोस सबूत किसी भी ग्रंथ में देखने को नहीं मिलता अब आपको बताते हैं अगर आप वाकई में दीपावली के दिन जुआ खेलते हैं या उसके आदि हैं तो आपको किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए जुआ खेलते समय इस बात का बिल्कुल ध्यान रखना चाहिए कि यह केवल एक खेल है जो एक रात के लिए खेला जाता है जो केवल एक सगुन के तौर पर खेला जाता है एक सर्वे के मुताबिक जुआरी सबसे पहले दीपावली की रात जुआ खेलता है फिर धीरे-धीरे उसको लत लग जाती है इसलिए अपने पर इसका ज्यादा प्रभाव न पड़ने दें इतिहास पर नजर डालें तो जुआ खेलने का इतिहास बड़ा भयानक है इंसान के लिए नहीं कई बार भगवान को भी जुए के कारण मुसीबतों का सामना करना पड़ा मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम ने भी जुआ खेला था और वह उसमें हार गए थे कथा के मुताबिक कृष्ण और रुक्मणी के पुत्र का विवाह रुकमणी के भाई लुक्मी की पुत्री से हुआ था रुक्मी कृष्ण सेवर रखता था क्योंकि रुक्मणी हरण के समय श्री कृष्ण ने युद्ध में हराया था इसका बदला लेने के लिए रुक्मी ने बलराम को जुआ खेलने के लिए आमंत्रित किया था जुआ खेलते समय रुक मी ने छल से बलराम को हरा दिया था और फिर भरी सभा में अपमान करने लगा इस बात पर बलराम को गुस्सा आया और रुक्मी का वध कर दिया रुक्मी के बद से विवाह मंडप में हाहाकार मच गया वैवाहिक कार्यक्रम में अमंगल हो गया इससे पता चलता है कि दुआ हमेशा मातम को लेकर आता है वही यह तो सभी जानते हैं कि महाभारत का युद्ध भी जुए के वजह से हुआ था दुर्योधन और शकुनि ने साथ मिलकर किस तरह छल कपट से पांडवों को जुए में हरा दिया था और पूरा इंद्रप्रस्थ समेत भाइयों को युधिष्ठिर ने दांव पर लगा दिया था यह तो जगजाहिर है धन-संपत्ति ही नहीं बल्कि अपनी पत्नी द्रोपदी को भी दांव पर लगा दिया और जुआ हार गए जिससे पांडवों को 11 साल वनवास को जाना पड़ा भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था अगर युधिष्ठिर को जुआ खेलने की आदत ना होती तो उनको भगवान का दर्जा मिल जाता क्योंकि उनमें बाकी सारे गुण मौजूद थे लेकिन जुए की लत के कारण उनके सारे गुण दब गए दीपावली की रात जुआ खेलने की इस परंपरा को लेकर आपकी राय क्या है कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं रिपोर्ट डीओ रिपोर्ट नेशनल पावर टीवी

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