श्रीमाधोदास विरचित छोटी दानलीला
हमारें गोरस दान न होय। मोहन लाडिले हो।।
हमारें महा मद फिरत गुवार। नारि हठ छांड दै।।
कबके तुम दानी भये हो,
कब हम दीनौ दान।।
गाय चरावौ नंदकी,तुम सुने अनोखे कान।
मोहन लाडिले हो।।१।।
हौं दानी तिहुं लोककौ,तुम चार्यौ जुगकी ग्वाल।।
दान न छांडौं आपनों, तेरौ राखों गहनें हार।
नारि हठ छांड दै।।२।।
रतन जटितकी ईंडुरी,
मेरो हीरा जरीयौ हार।।
ताहि तुम राखन चहत हौ, कमरीके ओढण हार।
मोहन लाडिले हो।।३।
ब्रह्मा तानों पूरियो,
बुनि बैठ महेश।।
सो हम ओढी कामरी,
ताकौ पार न पावत शेष।
नारि हठ छांड दै।।४।।
नैन नचावत चातुरी हो, बोलत मधुरे बोल।।
मैरौ हार किरोरकौ,तेरी सब गैयनकौ मोल।
मोहन लाडिले हो।।५!!
यह गैया तिहुं लोक तारनी, चार्यौ जुग परमान।।
दूध देहिं तिहुं लोककों,
तेरौ हार लेहों दश दान।
नारि हठ छांडि दै।।६।
काहे कों बाद करत हौ, लाला काहे करत अति सोर।।
जैसी बाजै तेरी बासुरी,
मेरे नूपुरकी घनघोर।
मोहन लाडिले हो।।७।।
या बंसीकी फूंक पै,
मैं गिरिवर लियो उठाय।।
ढीठ बहुत है ग्वालिनी,
याकी मटुकी लेहु छिनाय।
नारि हठ छांडि दै।।८।।
जसोदा बांधे दामरी लाल, दामोदर गोपाल।।हा हा कर पांयन परै तब,हमहीं छुडाये लाल।
मोहन लाडिले हो।।९!
रार करत कित ग्वालिनी हो,जमुना तीर जु न्हात।।
चिर हरे हम तीर पै,
ता पे ईती इतरात।
नारि हठ छांड दै।।१०!
मोर पखौवा शिर धरें,
बांस फूंकनी फेंट।।
गरे गुंजनके हार बिराजत,
या सिंगार पर ऐंठ।।
मोहन लाडिले हो।।११!
ये सब पंछी मुनी हैं।
ईन तप साध्यौ बिरवान।।
ये मोय निमिष न बीसरें,
मेरे जीवन प्रान।
नारि हठ छांड दै।।१२!!
हम बेटी वृषभान की,तुम नंद महर के कान।।
प्रेमप्रीति रुचि मान लै,
ढोटा अब जिन करे गुमान।
मोहन लाडिले हो।।१३!!
ब्रिदाबन क्रिडा करी हो, रच्यौ रास विलास,।।
सुरनर मुनी जै जै करें,
जन गावै माधोदास।
नारि हठ छांड दै।।१४!!
Ushnakal ke pad playlist:
• Ushnakal ke pad
Shitkal Nitye Ke Pad playlist:
• Shitkal Nitye Ke Pad
Varsha Ritu Ke Pad Playlist:
• वर्षाऋतु के पद
Basant ke pad Playlist:
https://youtube.com/playlist?list=PLEt7n
2nujwaDMyLBIZVILeSPlu3KKcX7m
Dipawali Ke Pad:
• Diwali ke pad
Hindola ke pad:
• Hindola ke pad
Vallabh Ki badhai ke pad:
• Vallabh ki badhai ke pad
Shri Gusaiji ki badhai:
• Shri Gusaiji ki badhai
Shrinathji Ke Astsakha ( Charitra):
• श्रीजी के अस्टसख
Disclaimer :
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Информация по комментариям в разработке