'दाल, रोटी और प्याज', वो होटल जिसका दीवाना Pilot परिवार, यहां खाट पर ठाठ से खाते हैं Sachin Pilot!

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7 सितंबर को एआईसीसी राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का जन्मदिन है। सचिन पायलट के जन्मदिन के मौके पर जहां उनके पिता स्वर्गीय राजेश पायलट उनकी मां रमा पायलट और खुद सचिन पायलट की कर्मभूमि है दौसा, से राजस्थान तक ने खास बातचीत उन लोगो से जो लोग राजेश पायलट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे और सचिन पायलट के साथ भी कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं। इनमें से कुछ लोगों सचिन पायलट को जन्म से जानते हैं उन्हें पहचानते हैं पिंकी होटल के मालिक पिंकी का कहना है राजेश पायलट का खाना हमारे यहां से जाता था। वह सादा सिंपल खाना खाते थे उन्हें दाल रोटी के साथ प्याज और हरी मिर्च पसंद थी और साथ ही खाट पर बैठकर खाना खाते थे। उनमें किसान नेता के पूरे गुण थे। और धरातल से जुड़े हुए थे जब राजेश पायलट चुनावी कैंपेन या फिर दौरे पर आते थे उन्होंने एक नारा दिया राम राम सा अब यह नारा नहीं रहा यह राजस्थान में स्वागत करने और तहजीब का प्रतीक माने लग गए हैं। विमानते थे कि जब तक किसानों का बेटा ऊंचे पदों तक नहीं पहुंचेगा जहां पर कानून बनते हैं वहां तक नहीं पहुंचे जब तक लड़ाई अधूरी है। तो कभी-कभी सचिन पायलट भी उनके साथ सचिन पायलट आते थे। उस वक्त जब उनको खाने के बारे में पूछा जाता था तो वह सादा सिंपल खाना पसंद करते थे। सचिन पायलट अपने पिता राजेश पायलट के लिए खाना लेने के लिए हमारे यहां आते थे वह कई घंटे तक यहां बैठते थे और हमसे बातें करते थे और जानकारी लेते रहते थे। सचिन पायलट का सबसे पसंदीदा खाना आलू प्याज के पराठे थे और आज भी हैं। कभी-कभी सचिन पायलट दौसा होकर गुजरते हैं या फिर दौसा आते हैं। तो वह आलू प्याज के पराठे जरूर खाते हैं। वक्त ना हो तो मंगवा लेते हैं। खाट पर बैठकर आराम से खाना खाते हैं। वरिष्ठ पत्रकार संतोष तिवारी का कहना है कि राजेश पायलट धरातल से जुड़े हुए नेता थे। वह ऐसे नेता थे अगर उन्हें एक व्यक्ति भी मिलना चाहता था तो वह उसे व्यक्ति से भी मिलकर जाते थे या फिर अपना काफिला एक व्यक्ति के लिए रोक देते थे। सचिन पायलट अब बड़े लीडर बन चुके हैं। उनके साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि वह भीड़ में उन लोगों से नहीं मिल पाए जो उन्हें दिल से चाहते हैं डीसी बैरवा का कहना था। हमारे पिता राजेश पायलट के साथ रहा करते थे राजेश पायलट हमारे घर आया करते थे। सचिन पायलट एक बार रमा पायलट के चुनाव प्रचार के दौरान आए थे तब उन्हें स्टेज पर माइक पकड़ दिया था एक बार तो घबरा गए लेकिन उसके बाद जब उन्होंने भाषण दिया तभी उनके भाषण से के लग गया था कि यह आने वाला भविष्य का नेता है।
7 सितंबर को एआईसीसी राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का जन्मदिन है।  सचिन पायलट के जन्मदिन के मौके पर जहां उनके पिता स्वर्गीय राजेश पायलट उनकी मां रमा पायलट और खुद सचिन पायलट की कर्मभूमि है दौसा, से राजस्थान तक ने खास बातचीत उन लोगो से जो लोग राजेश पायलट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे और सचिन पायलट के साथ भी कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं।  इनमें से कुछ लोगों सचिन पायलट को जन्म से जानते हैं उन्हें पहचानते हैं पिंकी होटल के मालिक पिंकी का कहना है राजेश पायलट का खाना हमारे यहां से जाता था।  वह सादा सिंपल खाना खाते थे उन्हें दाल रोटी के साथ प्याज और हरी मिर्च पसंद थी और साथ ही खाट पर बैठकर खाना खाते थे।  उनमें किसान नेता के पूरे गुण थे।  और धरातल से जुड़े हुए थे जब राजेश पायलट चुनावी कैंपेन या फिर दौरे पर आते थे उन्होंने एक नारा दिया राम राम सा अब यह नारा नहीं रहा यह राजस्थान में स्वागत करने और तहजीब का प्रतीक माने लग गए हैं। विमानते थे कि जब तक किसानों का बेटा ऊंचे पदों तक नहीं पहुंचेगा जहां पर कानून बनते हैं वहां तक नहीं पहुंचे जब तक लड़ाई अधूरी है।  तो कभी-कभी सचिन पायलट भी उनके साथ सचिन पायलट आते थे।  उस वक्त जब उनको खाने के बारे में पूछा जाता था तो वह सादा सिंपल खाना पसंद करते थे। सचिन पायलट अपने पिता राजेश पायलट के लिए खाना लेने के लिए हमारे यहां आते थे वह कई घंटे तक यहां बैठते थे और हमसे बातें करते थे और जानकारी लेते रहते थे।  सचिन पायलट का सबसे पसंदीदा खाना आलू प्याज के पराठे थे और आज भी हैं।  कभी-कभी सचिन पायलट दौसा होकर गुजरते हैं या फिर दौसा आते हैं।  तो वह आलू प्याज के पराठे जरूर खाते हैं।  वक्त ना हो तो मंगवा लेते हैं।  खाट पर बैठकर आराम से खाना खाते हैं।  वरिष्ठ पत्रकार संतोष तिवारी का कहना है कि राजेश पायलट धरातल से जुड़े हुए नेता थे। वह ऐसे नेता थे अगर उन्हें एक व्यक्ति भी मिलना चाहता था तो वह उसे व्यक्ति से भी मिलकर जाते थे या फिर अपना काफिला एक व्यक्ति के लिए रोक देते थे।  सचिन पायलट अब बड़े लीडर बन चुके हैं।  उनके साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि वह भीड़ में उन लोगों से नहीं मिल पाए जो उन्हें दिल से चाहते हैं डीसी बैरवा का कहना था।  हमारे पिता राजेश पायलट के साथ रहा करते थे राजेश पायलट हमारे घर आया करते थे।  सचिन पायलट एक बार रमा पायलट के चुनाव प्रचार के दौरान आए थे तब उन्हें स्टेज पर माइक पकड़ दिया था एक बार तो घबरा  गए लेकिन उसके बाद जब उन्होंने भाषण दिया तभी उनके भाषण से के लग गया था कि यह आने वाला भविष्य का नेता है।

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