श्री हरिमंदिर वेनेश्वर धाम डूंगरपुर राजस्थान | vlog #06 | Caravan Family

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हरिमंदिर -
संत मावजी महाराज वागड़ के महान संत थे। मावजी महाराज ने करीब 300 वर्ष पूर्व माही, सोम और जाखम नदी के संगम पर बेणेश्वर में तपस्या की थी। इनके द्वारा जनजाति समाज में सामाजिक चेतना जागृत करने के लिए भी प्रयास किए। उनकी याद में हर वर्ष बेणेश्वर धाम पर माघ पूर्णिमा पर सबसे बड़ा आदिवासी मेला भरता है।

संत मावजी महाराज का विक्रम संवत 1771 को माघ शुक्ल पंचमी (बसंत पंचमी), बुधवार को साबला में दालम ऋषि के घर माता केसरबाई की कोख से जन्म हुआ। इसके बाद कठोर तपस्या उपरांत संवत 1784 में माघ शुक्ल ग्यारस को लीलावतार के रूप में संसार के सामने आए। मावजी महाराज ने साम्राज्यवाद के अंत, प्रजातंत्र की स्थापना, अछूतोद्धार, पाखंड और कलियुग के प्रभावों में वृद्धि, परिवेश, सामाजिक एवं सांसारिक परिवर्तनों पर स्पष्ट भविष्यवाणियां की हैं।

आज सार्थक साबित हो रही मावजी महाराज की भविष्यवाणी : अपनी दिव्य दृष्टि से देखकर ही मावजी महाराज ने कहा था कि ‘गऊं चोखा गणमा मले महाराज’ अर्थात गेहूं-चावल राशन से मिलेंगे। मावजी महाराज ने चौपड़े लिखे है। मावजी महाराज के पांच चौपड़ों में से चार इस समय सुरक्षित हैं। इनमें ‘मेघसागर’ हरि मंदिर साबला में है। इसमें गीता ज्ञान उपदेश, भौगोलिक परिवर्तनों की भविष्यवाणियां हैं। ‘साम सागर’ शेषपुर में है। इसमें शेषपुर एवं धोलागढ़ के पवित्र पहाड़ का वर्णन तथा दिव्य वाणियां हैं। तीसरा ‘प्रेमसागर’ डूंगरपुर जिले के ही पुंजपुर में है। इसमें धर्मोपदेश, भूगोल, इतिहास तथा भावी घटनाओं की प्रतीकात्मक जानकारी है, जबकि चौथा चौपड़ा ‘रतनसागर’ बांसवाड़ा शहर के त्रिपोलिया रोड स्थित विश्वकर्मा मंदिर में सुरक्षित है। इसमें रंगीन चित्र, रासलीला, कृष्णलीलाओं आदि का मनोहारी वर्णन सजीव हो उठा है। ‘अनंत सागर’ नामक पांचवां चौपड़ा मराठा आमंत्रण के समय बाजीराव पेशवा द्वारा ले जाया गया, जिसे बाद में अंग्रेज ले गए। बताया जाता है कि इस समय यह लंदन के किसी म्यूजियम में सुरक्षित है।

बेणेश्वर धाम -
बेणेश्वर मंदिर डूंगरपुर का एक प्रमुख मंदिर है जो सोम और माही नदियों के संगम पर बनने वाले डेल्टा पर स्थित है। 5 फिट ऊँचे भगवान शिव के इस लिंग को स्वयंभू माना जाता है। बेणेश्वर मंदिर डूंगरपुर के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है जो स्थानीय लोगो के साथ-साथ पर्यटकों के लिए आस्था केंद्र बना हुआ है। बेणेश्वर मंदिर के समीप ही 1793 ई में निर्मित विशु मंदिर है जो जनकुंवरी की बेटी हैं। जनकुंवरी एक अत्यंत पूजनीय संत हैं जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। बेणेश्वर मंदिर एक ऐसा स्थान है जिसे आदिवासी संस्कृति से जुड़े इतिहास के कारण दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।
अगर आप डूंगरपुर की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको भगवान शिव के दर्शन करने के लिए बेणेश्वर मंदिर की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।

कहा जाता है कि बेणेश्वर मंदिर का निर्माण उस जगह पर किया गया था जहाँ मावजी अपना समय भगवान की प्रार्थना करने में बिताते थे। मावजी के दो शिष्यों ने अज को बुलाया और लक्ष्मी नारायण मंदिर का निर्माण किया।

राजस्थान राज्य के डूंगरपुर जिले में आयोजित बाणेश्वर मेला एक वार्षिक आदिवासी मेला है। यह मेला जनवरी या फरवरी के महीने में (विक्रम संवत कैलेंडर में माघ के महीने में अमावस्या की रात से 2 सप्ताह बाद) बाणेश्वर में, सोम और माही नदियों के संगम के पास आयोजित किया जाता है। यह मेला आदिवासी संस्कृति का एक प्रमुख मेला है और इसे “आदिवासियों के लिए कुंभ मेला” के रूप में वर्णित किया गया है। बाणेश्वर मेला मुख्य रूप से एक आदिवासी मेला है, जिसमें आधे से अधिक भील लोग शामिल होते हैं।

बेणेश्वर मंदिर खुलने और बंद होने का समय –
बेणेश्वर मंदिर श्रद्धालुओं के घूमने और भगवान के दर्शन के लिए सूर्योदय से लेकर रात 8.00 बजे तक खुला रहता है। आपको बता दे मंदिर की पूर्ण और सुखद यात्रा के लिए 1-2 घंटे का समय मंदिर में अवश्य व्यतीत करें।

बेणेश्वर मंदिर का प्रवेश शुल्क –
बेणेश्वर मंदिर में तीर्थ यात्रियों का प्रवेश बिलकुल निशुल्क है।

बेणेश्वर धाम घूमने जाने का सबसे अच्छा समय –
वैसे तो आप बेणेश्वर मंदिर डूंगरपुर की यात्रा साल के किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन डूंगरपुर घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों (अक्टूबर से फरवरी) के दौरान होता है क्योंकि इस समय डूंगरपुर का मौसम खुशनुमा रहता है जिससे यहाँ के दर्शनीय स्थलों की यात्रा का पूरा मजा उठाया जा सकता है। और इसके अलावा आप यहाँ जनबरी और फरवरी के बीच आयोजित होने वाले बाणेश्वर मेला में भी शामिल हो  सकते है। आपको बता दे मार्च से शुरू होने वाली ग्रीष्मकाल के दौरान डूंगरपुर की यात्रा से बचें क्योंकि इस समय डूंगरपुर राजस्थान का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है जो आपकी डूंगरपुर की यात्रा को हतोत्साहित कर सकता है।

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