कष्टों को भी जीवन का लक्ष्य मानकर स्वीकार करना भी तप हैं सुनें दिव्य उद्बोधन स्वामी परमानन्द जी से

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अपरोक्ष अनुभूति भाग १ by युगपुरुष महामण्डलेश्वर स्वामी परमानन्द गिरी जी महाराज दिव्य परम वाणी Divya Param Vani Aparoksh Anubhuti Part 1 by Yugpurush Mahamandaleshwar swami Paramanand Giri Ji Maharaj Akhand Param Dham Haridwar

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