कबीर || 1000 Powerful Lessons from Kabir by ABK Sir (Dr Abhimanyu kumawat)

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कबीर || 1000 Powerful Lessons from Kabir by ABK Sir (Dr Abhimanyu kumawat)

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• चिन्ता से चतुराई घटे दुःख से घटे शरीर लोभ करे सो धन घटे कह गए दास कबीर
• चिंता ऐसी डाकिनी, काट कलेजा खाए वैद बेचारा क्या करे, कहा तक दवा लगाए |
• जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ, मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।
• माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर, कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर।
• तन को जोगी सब करें, मन को बिरला कोई. सब सिद्धि सहजे पाइए, जे मन जोगी होइ.
• पाहन पूजे हरि मिले, तो मैं पूजूं पहार याते चाकी भली जो पीस खाए संसार।
• ज्यों तिल माहि तेल है, ज्यों चकमक में आग। तेरा साईं तुझ ही में है, जाग सके तो जाग ।
• धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।
• जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही
• गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पांय बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय।
• ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय | औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय ||
• जरूरत तय करती है, की बोल कब तक मीठे रखने है
• काल करे सो आज कर, आज करै सो अब | पल में परलय होयगी, बहुरी करेगा कब ||
• दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करै न कोय। जो सुख में सुमिरन करे, दुःख काहे को होय॥
• दुर्लभ मानुष जन्म है, देह न बारम्बार । तरुवर ज्यों पत्ती झड़े, बहुरि न लागे डार ॥
• शीलवन्त सबसे बड़ा, सब रतनन की खान । तीन लोक की सम्पदा, रही शील में आन ॥

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