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Скачать или смотреть श्री नारायणास्त्र मंत्र। Narayan Astra Mantra

  • Mantra - Tantra - Yantra ( मंत्र - तंत्र - यंत्र )
  • 2025-04-19
  • 62081
श्री नारायणास्त्र मंत्र। Narayan Astra Mantra
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Описание к видео श्री नारायणास्त्र मंत्र। Narayan Astra Mantra

नारायणास्त्र, भगवान विष्णु का वो अस्र हे जिस का उन्होंने अपने नारायण अवतार में उपयोग किया था | जब भी कोई योद्धा इसका विरोध करता हे, तो इस अस्र का तेज और बढ़ जाता हे और वो पहले से ज्यादा तीव्रता से दुश्मन पर टूट पड़ता हे |

इस अस्त्र की शक्ति तब तक बढ़ती रहती हे जबतक वो योद्धा या तो शरणागती ना लेले, या फिर उसकी मृत्यु ना हो जाये | नारायणअस्र के सामनेसे जिन्दा बचने का सिर्फ एक ही उपाय हे | वो ये की, इसके सामने आत्मसमर्पण कर दे, अपने शस्रो का त्याग करले ले | युद्ध के नियमो के अनुसार निहत्ये पर वार नही किया जा सकता था और इसी कारण ऐसा करने से ये अस्र शांत हो जाता हे |

नारायणास्त्र मंत्र आरोग्य ,सुरक्षा लम्बी आयु तथा अभय देने वाला है | जिस स्थान पर अस्त्र का नित्य जप होता है, वह स्थान और मनुष्य सर्व तंत्र बाधाओं से विमुक्त रहता है।
नारायण अस्त्र के प्रभाव से दृष्टिगत तथा अन्यों विषों कि देह में सक्रमण नहीं होता | ये निश्चित है |
अस्त्र द्वारा अभिमंत्रित जल पीने से समस्त शारीरिक रोग विनष्ट होते हैं, अज्ञान का नाश होकर ज्ञान का उदय होता है, ग्रहदोष शान्त होते हैं, अकाल मृत्यु, दुर्घटना से रक्षा होती है और मनुष्य दीर्घायु प्राप्त करता है।
भूमि में जहां पर खजाना हो, अस्त्र के प्रभाव से उस स्थान पर निवासित भूत, वेताल एवं अन्य सर्प शक्तियां उस स्थान को छोड़कर पलायन कर जाती हैं।
इस के प्रभाव से सब सुख और सम्पतियो कि लाभ होता है |

भूत ,प्रेत ,पिशाच,ग्रामगाहि,डाकनी शाकनी,बेताल महाबली दानव असुर देवता नज़र दोष काला जादू प्रभाव सब इस मंत्र के उच्चारण से ही सतम्भित हो जाते है | कोई विघ्न बाधा नहीं पहुंचा पाता। समस्त गलतिओं के दोष दूर हो जाते है | सभी रोग धीरे नष्ट हो जाते है |
नारायणास्त्र के प्रयोग से दरिद्रता एवं दुर्भाग्य से अति शीघ्र मुक्ति मिलती है। यदि शांतिपूर्वक एक लाख की संख्या में इस अस्त्र का जाप करके सिद्ध कर लिया जाये तो तेज, आयु, कीर्ति, धन, इन सभी पर मनुष्य अधिकार प्राप्त कर लेता है।

यह मंत्र प्रयोग सभी इच्छानुकूल फलो को देने वाला है |
जो मनुष्य तीनो कालो में इस का जप करता है उस को सर्वतर विजय प्राप्त होती है तथा वह आयु आरोग्य ऐश्वर्या ज्ञान पराक्रम और सुख प्राप्त करता है|

इस मंत्र को गोरोचन को जल में मिलाकर भोजपत्र पर लिखें और उसे भोजपत्र को ताबीज में भरकर गले में अथवा बाजू में धारण करें धारण करते वक्त “सर्वरक्षां करोतु में ” यह कहे तो मंत्र धारण करने वाले के सभी विघ्न भाग जाते है | ये मंत्र स्त्री और पुरष कोई भी धारण कर सकता है |

यह मंत्र में आप सभी के लिए जाप करके दे रहा हूं कृपया उसे प्रतिदिन सुने और असीमित लाभ प्राप्त करें चैनल को सब्सक्राइब करें धन्यवाद।

Narayan Astra Mantra
श्री नारायणास्त्र मंत्र

'हरिः ॐ
नमो भगवते श्रीनारायणाय
नमो नारायणाय विश्वमूर्तये नम:
श्री पुरुषोत्तमाय पुष्पदृष्टिं प्रत्यक्षं वा परोक्षं वा अजीर्णं पंचविषूचिकां हन हन ऐकाहिकं द्वयाहिकं त्र्याहिकं चातुर्थिक ज्वरं नाशय नाशय चतुरशीतिवातानष्टादशकुष्ठान् अष्टादशक्षय रोगान् हन हन सर्वदोषान् भंजय-भंजय तत्सर्वं नाशय नाशय शोषय-शोषय आकर्षय आकर्षय शत्रून मारय मारय उच्चाटयोच्चाटय विद्वेषय-विद्वेषय स्तम्भय-स्तम्भय निवारय - निवारय विघ्नैर्हन विघ्नैर्हन दह दह मथ-मथ विध्वंसय-विध्वंसय चक्रं गृहीत्वा शीघ्रमागच्छ आगच्छ चक्रेण हत्वा परविद्यां छेदय-छेदय भेदय-भेदय चतुःशीतानि विस्फोटय-विस्फोटय अर्शवातशूलदृष्टि सर्पसिंहव्याघ्र द्विपदचतुष्पद बाह्यान्दिवि भुव्यन्तरिक्षे अन्येऽपि केचित् तान्द्वेषकान्सर्वान् हन हन विद्युन्मेघनदीपर्वताटवीसर्वस्थान रात्रिदिनपथचौरान् वशं कुरु कुरु हरिः ॐ नमो भगवते ह्रीं हुं फट् स्वाहा ठः ठं ठं ठः नमः ।'

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