रामानंद सागर कृत विक्रम और बेताल भाग 15 - मनुकुमार बना मनुकुमारी अपनी प्रेमिका चंद्रप्रभा के लिए

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Ramanand Sagar's Vikram Aur Betaal Episode 15 - Manukumaar bana manukumaaree apanee premika chandraprabha ke lie

बेताल को विक्रम फिर से पकड़ता है और ले चलता है बेताल फिर से उसे एक कहानी सुनता है की कुसुमावती नगर की राजकुमारी चंद्रप्रभा को एक युवक से प्रेम हो जाता है जिसका नाम मनु कुमार था। दोनों एक दूसरे से विवाह करना चाहते थे लेकिन ऐसा सम्भव नहीं था क्योंकि मनुकुमार किसी राज्य का राजकुमार नहीं बल्कि साधारण आदमी था। चंद्रप्रभा मनु से कहती है की वो उस से विवाह की कल्पना छोड़ दे। क्योंकि मेरे पिता तुम्हें इसके लिए मृत्यु दंड भी दे सकते हैं जो वो सहन नहीं कर पाएगी इसलिए उसे यहाँ से चले जाना चाहिए। मनु कुमार राजकुमारी की बात मान कर चल आजाता है। एक जादूगर अपने बेटे के साथ कुसुमावती नगर आ रहा था की उन पर डाकू हमला कर देते हैं मनु कुमार उन दोनों को डाकुओं से बचता है। जादूगर अपने प्राण बचाने पर मनु कुमार से अपनी इच्छा का कुछ भी माँगने को कहता है। मनु कुमार जादूगर से कहता है की वो राजकुमारी चंद्रप्रभा से प्रेम करता है और वो सदा उसके साथ रहना चाहता है लेकिन उसे कोई पहचान ना सके कुछ ऐसा चमत्कार कर दीजिए।

जादूगर उसे एक अंगूठी देता है जिसे मनु अपने दाएँ हाथ की उँगली में डालते ही लड़की बं जाता है और उसी अंगूठी को बाएँ हाथ की उँगली में डालने से वापस से मनु कुमार बं जाता है, मनु खुश हो जाता है। जादूगर, उसका लड़का और मनु लड़की के रूप में राजा के पास जाते हैं। जादूगर एक ब्राह्मण का भेष धर लेता है और राजा को कहता है की मेरा नाम मूलदेव है और अपने बेटे का नाम शशी बताता है और राजा को मनु को अपने बेटे की होने वाली बाहु बताता है। राजा उनसे उनके आने का कारण पूछता है तो जादूगर उन्हें कहता है की मेजन और मेरा बेटा तीर्थ यात्रा पर जा रहे हैं तब तक आप मनु कुमारी को अपनमे राज महल में रख लीजिए। राजा मनु कुमारी को राजकुमारी चंद्रप्रभा की सहेली बना कर राजमहल में ही रख लेता है। मनु मौक़ा मिलते ही राजकुमारी को सारी बात बता देता है। कई दिन ऐसे ही बीत जाते हैं दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताने लगते हैं। एक दिन मंत्री का पुत्र मनु कुमारी से विवाह का प्रस्ताव रख देता है क्योंकि वो उसके आने के दिन से उसे प्रेम करने लगा था। मनु उसे मना कर देती है तो वह ज़िद्द में आकर भोजन त्याग देता है। मंत्री अपने बेटे की इस ज़िद्द के बारे में आकर राज अंकों बताता है की वो मनु से शादी करना चाहता है यादि उसकी शादी उस से नहीं हुई तो वह अपने प्राण त्याग देगा। राजा मंत्री की बात सुन कर उसकी इच्छा को पूरा करने के लिए मनु के पास आता है। मनु के बाएँ हाथ की उँगली में चोट लग जाती है जिसके कारण अब वो वापस से लड़का नहीं बं सकता था। राजा उसके पास आकर उसे कहते हैं की तुम्हारी शादी मंत्री के बेटे के साथ होगी यह सुन मनु उन्हें ऐसा करने से मना करता है लेकिन राजा उसे राज आज्ञा कह कर उसकी शादी मंत्री के बेटे के साथ कर देता है। शादी का पता लगते ही जादूगर और उसका बेटा वापस आते हैं और राजा को मनु की शादी मंत्री के बेटे के साथ करने की सजा देने लगता है उसे अपनी जादू की शक्ति से सिंहासन सहीत हवा में उड़ा देता है।

राजा जादूगर को कहता है की वो उनके बेटी की शादी अपनी पुत्री के साथ कर देगा। जादूगर राजा की बात को मान लेता है और राजा को नीचे उतार देता है। मंत्री का पुत्र मनु को यह बात आकर बताता है तो मनु को क्रोध आ जाता है। मनु कुमार अपने अंगूठी को निकलता है और ज़बरदस्ती उसे बाएँ हाथ की उँगली में डाल लेता है मनु वापस लड़का बन जाता है यह देख मंत्री का पुत्र हैरान हो जाता है। मनु मंत्री के पुत्र की तलवार लेकर शादी के मंडप पर पहुँच जाता है और कहता है की चंद्रप्रभा मेरी पत्नी है। इतनी कहानी सुनकर बेताल राजा विक्रम से पूछता है की अब बता की चंद्रप्रभा किस की पत्नी है। राजा कहता है की चंद्र प्रभा शशि की पत्नी है क्योंकि उसका विवाह विधि विधान के साथ शशि के साथ हो रहा है लेकिन मनु कुमार का ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। इसलिए शशि और चंद्रप्रभा का विवाह होगा। बेताल राजा का उत्तर सुनते ही वापस अपने पेड़ पर जाकर लटक जाता है।

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विक्रम और बेताल एक भारतीय पौराणिक टेलीविजन श्रृंखला है जो 1985 में डीडी नेशनल पर प्रसारित हुई। श्रृंखला में भारतीय पौराणिक कथाओं की कहानियां थीं।

कार्यक्रम की अवधारणा बेताल पचीसी पर आधारित थी, जिसे विक्रम-बेताल के नाम से भी जाना जाता है। 25 कहानियों का एक संग्रह जो वेताल (एक पिशाच) ने राजा विक्रम (महान राजा विक्रमादित्य) को सुनाई।

कलाकार :
अरुण गोविल
सज्जन
अरविंद त्रिवेदी
दीपिका चीख़ालिया
विजय अरोड़ा
रमेश भटकर
मूलराज राजदा
रजनीबाला
सुनील लाहिरी
लिलिपुट
रामा विज
सतीश कौल
सूरजीत मोहनत्य
समीर राजदा"

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Vikram Aur Betaal is an Indian mythology television series that aired on DD National in 1985 & re-telecast in 1988 after the hit Series Ramayan. The series contained stories from Indian mythology. The concept of the program was based on Baital Pachisi, which is also known as Vikram-Betaal (a collection of 25 tales which is narrated by Vetala to Vikram). It is about the legendary king Vikram (identified as Vikramāditya) and the ghost Betaal (identified as Vetala,[1] a spirit analogous to a vampire in western literature). The show aired at 4:30 PM Indian Standard Time on Sundays from 1985 to 1986.

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