मां शाकम्भरी देवी की कथा व आरती || Shakumbhari Devi Ki Katha || शाकंभरी पूर्णिमा की कथा

Описание к видео मां शाकम्भरी देवी की कथा व आरती || Shakumbhari Devi Ki Katha || शाकंभरी पूर्णिमा की कथा

#पौषपूर्णिमा माँ #शाकम्भरी देवी की #कथा व #आरती सुनने मात्र मिले अन्न धन धान्य सुख समृद्धि
‘शारणागत दीनात् परित्राण परायणे,
सर्वस्यर्ति हरे देवी नारायणी नामोस्तुते।’
शाकम्भरी माता दुर्गा माँ का सौम्य रूप है। माँ शाकम्भरी जग कल्याण के लिए पृथ्वी लोक पर आई थी।इनकी चार भुजाएं हैं। लेकिन कई जगह पर इनकी अष्टभुजाओं वालीं भी बताया गया है।मां के प्रसाद में हलवा पूरी, सराल-शाक, फल, सब्जी, मिश्री मेवे और शाकाहारी भोजन का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है कि मां शाकंभरी के दर्शन और पूजन से अन्न, फल, धन, धान्य और अक्षय फल की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं कि मां शाकंभरी की कथा
मां शाकम्भरी की कथा || Shakumbhari Devi Ki Katha || शाकंभरी पूर्णिमा की कथा
पौष पूर्णिमा माँ शाकम्भरी देवी की कथा व आरती सुनने मात्र मिले अन्न धन धान्य सुख समृद्धि
Shakambhari Mata is the gentle form of Durga Maa. Mother Shakambhari came to Earth for welfare of the world. She has four arms. But in many places, their Ashtabhujas are also mentioned. In the offerings of the mother, Halwa Puri, Saral-Shak, fruits, vegetables, sugar candy and vegetarian food are offered. It is said that the philosophy and worship of Maa Shakambhari leads to the attainment of food, fruit, wealth, grain and renewable fruit. So let's know that the story of Maa Shakambhari

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