5 स्वरूपों का अभ्यास, सिर्फ 5 स्वमानों द्वारा - 8 बार 🇲🇰 5 Swaroop ka Abhyas 8 baar | पांच स्वरूप 🌟

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आज बापदादा सभी बच्चों के स्वरूपों को, विशेष 5 रूपों को देख रहे हैं इसलिए 5 मुखी ब्रह्मा का भी गायन है। तो अपने 5 रूपों को जानते हो ना! पहला सभी का ज्योति बिन्दु रूप आ गया आपके सामने! कितना चमकता हुआ प्यारा रूप है। दूसरा देवता रूप.. वह रूप भी कितना प्यारा और न्यारा है। तीसरा रूप मध्य में पूज्यनीय रूप.. चौथा रूप ब्राह्मण रूप संगमवासी वह भी कितना महान है और पांचवा रूप फरिश्ता रूप। यह 5 ही रूप कितने प्यारे हैं।

बापदादा आज बच्चों को मन की एक्सरसाइज सिखाते हैं क्योंकि मन बच्चों को कभी-कभी अपने तरफ खींच लेता है। तो आज बापदादा मन को एकरस बनाने की एक्सरसाइज सिखा रहा है। सारे दिन में इन 5 रूपों की एक्सरसाइज करो और अनुभव करो.. जो रूप सोचो उसका मन में अनुभव करो।

जैसे ज्योतिबिन्दू कहने से ही वह चमकता रूप सामने आ गया! ऐसे 5 ही रूप सामने लाओ और उस रूप का अनुभव करो। हर घण्टे में 5 सेकण्ड इस ड्रिल में लगाओ। अगर सेकण्ड नहीं तो 5 मिनट लगाओ। हर एक रूप सामने लाओ अनुभव करो। मन को इस रूहानी एक्सरसाइज में बिजी करो तो मन एक्सरसाइज से सदा ठीक रहेगा। जैसे शरीर की एक्सरसाइज शरीर को तन्दरूस्त रखती है ऐसे यह एक्सरसाइज मन को शक्तिशाली रखेगा।

एक सेकण्ड भी मन में उस रूप को लाओ समझते हो सहज है ना यह कि मुश्किल लगता है? मुश्किल नहीं लगेगा क्यां कि यह एक्सरसाइज आपने अनेक बार की हुई है। हर कल्प की है। अपना ही रूप सामने लाना यह मुश्किल नहीं होता। एक-एक रूप के सामने आते ही हर रूप की विशेषता का अनुभव होगा।

कभी मन में अलबेलापन भी आ जाता तो बापदादा हर घण्टे 5 सेकण्ड या 5 मिनट इस एक्सरसाइज में अनुभव कराने चाहते हैं। 5 मिनट करके मन को इस तरफ चलाओ। चलना तो अच्छा होता है ना! फिर अपने काम में लग जाओ क्योंकि कार्य तो करना ही है। कार्य के बिना तो चलना नहीं है। यज्ञ सेवा विश्व सेवा तो सभी कर रहे हो और करनी ही है। यह 5 मिनट की ड्रिल करने के बाद जो अपना कार्य है उसमें लग जाओ। ऐसा कोई है जिसको चाहे 5 सेकण्ड लगाओ चाहे 5 मिनट लगाओ लेकिन कोई ऐसा है जिसको इतना टाइम भी नहीं मिलता है! है कोई हाथ उठाओ। जिसको 5 मिनट भी नहीं हैं। कोई नहीं है। है कोई? सब निकाल सकते हैं।

✨ तो बार-बार यह एक्सरसाइज करो तो कार्य करते भी यह नशा रहेगा क्योंकि बाप का मन्त्र भी है मनमनाभव। इसी मन्त्र को मन के अनुभव से मन यन्त्र बन जायेगा मायाजीत बनने में क्योंकि बापदादा ने बता दिया है कि जितना समय आगे बढ़ेगा उस अनुसार एक सेकण्ड में स्टॉप लगाना होगा। तो यह एक्सरसाइज करने से मनमनाभव होने में मदद मिलेगी..

क्योंकि बापदादा ने देखा कि जो भी भाषण करते हो या किसको भी सन्देश देते हो तो क्या कहते हो? हम विश्व को परिवर्तन करने वाले हैं । तो जब विश्व को परिवर्तन करना है तो पहले अपने मन को ऐसा शक्तिशाली बनाओ जो जिस समय जो संकल्प करने चाहे वही मन संकल्प कर सकता है। सेकण्ड में आर्डर करो जैसे इस शरीर की और कर्मेन्द्रियों को आर्डर करते हो, ऊपर हो नीचे हो, तो करती हैं ना! ऐसे मन व्यर्थ अयथार्थ से बच जाये! मन के मालिक हो! मेरा मन कहते हो ना!

तो मेरा मन इतना आर्डर में रहे उसके लिए यह मन की एक्सरसाइज बताई।

30 नवंबर, 2010.

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