दीन दयाल बिरिदु संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी | Deen Dayal Birad Sambhari | Hanuman Mantra |

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दीन दयाल बिरिदु संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी | Deen Dayal Birad Sambhari | Hanuman Mantra |


Songs: Deen Dayal Birad Sambhari

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******lyrics***********
दींन दयाल विरद सम्भारी हरहु नाथ मम संकट भारी ”


Meaning in Hindi

जीवन के किसी-किसी मोड़ पर इंसान के सामने कोई ऐसी विपत्त‍ि आ खड़ी होती है, जिससे पार पाने में वह खुद को एकदम असमर्थ पाता है. ऐसी स्थ‍िति से उबरने में ऐसी स्थ‍िति से उबरने में विवेकपूर्वक किए गए कर्म और दैवीय सहायता काम आते हैं. जो आस्त‍िक होते हैं, वे अक्सर अपने इष्टदेव से सहायता मांगते हैं.

ऐसे कई मंत्र हैं, जो हर तरह के संकटों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं. वैसे तो श्रीरामचरितमानस की हर चौपाई ही अपने आप में मंत्र जैसा प्रभाव रखती है, पर कुछ चौपाइयों का मंत्र के रूप में प्रयोग प्रचलित है. ऐसे ही एक मंत्र की चर्चा यहां की गई है, जो एकदम सरल व बेहद प्रभावकारी है. मंत्र इस तरह है:

‘दीन दयाल बिरिदु संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी’

यह चौपाई श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड की है. लंकापुरी को जलाने के बाद हनुमानजी लौटने के लिए सीता माता से आज्ञा मांगने आते हैं.

सीताजी ने हनुमान से कहा… कि प्रभु (श्रीराम) से मिलने पर वे उनका संदेश पहुंचा दें.

सीताजी ने कहा, ‘प्रभु से कहना कि दीनों पर दया करना तो आपका विरद है. उसी विरद को याद करके हे नाथ, आप मेरे इस भारी संकट को हर लीजिए.

मानस के मंत्रों को सिद्ध करने और जप के अपने नियम तो हैं, पर बिना किसी खास नियम के, केवल एकाग्र मन से भी मंत्र का प्रयोग किसी भी अवस्था में किया जा सकता है. अचानक संकट उत्पन्न होने पर कोई भी कभी भी कातर भाव से इसे जप सकता है

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