ज़िन्दगी में हमेशा सही फैसले कैसे लें? (Right Decision)| Sadhguru Hindi

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"क्या आपको ये पता लगाने में मुश्किल हो रही है कि आपका फैसला सही है या नहीं? इस वीडियो में, सद्‌गुरु फैसला लेने की प्रक्रिया के बारे में समझा रहे हैं। "

English video:    • How To Always Make the Right Decision...  

एक योगी, युगदृष्टा, मानवतावादी, सद्‌गुरु एक आधुनिक गुरु हैं, जिनको योग के प्राचीन विज्ञान पर पूर्ण अधिकार है। विश्व शांति और खुशहाली की दिशा में निरंतर काम कर रहे सद्‌गुरु के रूपांतरणकारी कार्यक्रमों से दुनिया के करोडों लोगों को एक नई दिशा मिली है। दुनिया भर में लाखों लोगों को आनंद के मार्ग में दीक्षित किया गया है।

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Transcript:
कोई भी ये वाकई नहीं जानता कि वो सही काम कर रहा है या गलत।
जिन्हें लगता है वे हमेशा सही हैं, वे भयंकर लोग हैं।
जब आप ठीक-ठाक रूप से संतुलित हों, कोई निर्णय लीजिए और अपना जीवन उसमें लगाइए, कुछ शानदार होगा।
प्रश्न – जब भी हम कोई निर्णय लेते हैं, तो कुछ निर्णय सही होते हैं और कुछ गलत। हमारा निर्णय सही था या गलत ये बाद में ही पता चलता है। मुझे कैसे पता चलेगा कि क्या मेरा निर्णय सही था, और ये कैसे पता चलेगा कि क्या मैं सही निर्णय ले रहा हूँ या गलत?
सद्‌गुरु – लेकिन आप प्रश्न क्यों कॉपी कर रहे हैं?
प्रश्न – कॉपी नहीं कर रहा, यही मेरे मन में था तो मैंने लिख लिया।
सद्‌गुरु – नहीं, नहीं। मेरी परीक्षाओं में कभी इतनी रूचि नहीं थी, तो मुझे फर्क नहीं पड़ता था। लेकिन मैं हमेशा देखता था, जब मैं कॉलेज में था। बहुत से लोग अपनी आस्तीन में, यहाँ वहाँ हर जगह वे लिखकर आते थे। और हर तरह की चीज़ें, लेकिन वे सभी उत्तर कॉपी करते थे।
प्रश्न आप कॉपी इसलिए करते हैं, नहीं नहीं मैं आपकी बात नहीं कर रहा, क्योंकि ये चीज़ हर जगह है। क्योंकि आप अपने भीतर इतना संघर्ष पैदा कर लेते हैं, हर छोटी चीज़ के बारे में, कि आपको लगता है कि आप हमेशा कुछ गलत कर सकते हैं। कुछ गलत हो जाएगा, कुछ गलत हो जाएगा।
ख़ुशी-ख़ुशी कुछ गलत कीजिए, ये ठीक है। हेल्लो? कोई नहीं जानता कि वे सही काम कर रहे हैं, या गलत। क्या वे जानते हैं, सौ प्रतिशत? नहीं।
तो खुद को ज्यादा परेशान मत कीजिए, क्या ये सही है, क्या ये गलत है। बस जब आप कुछ करें तो देखिए - क्या इससे मुझे और मेरे आस-पास के लोगों को खुशहाली मिलेगी। आपके लिए बस यही महत्वपूर्ण होना चाहिए।
जो लोग सोचते हैं, कि वे हमेशा सही हैं, वे भयंकर लोग हैं। ऐसा करने से तानाशाह पैदा होते हैं। मैं हमेशा सही होता हूँ, मैंने जीवन में सभी सही निर्णय लिए। ये तानाशाह है। ये इंसान नहीं है।
जो हर चीज़ सही करता है, वो एक बदसूरत इंसान बन जाता है। आपको सही चीज़ें करने की ज़रूरत नहीं है। बस थोड़े ज्यादा इंसान बनिए। बस ये सुनिश्चित कीजिए कि जब आप कुछ करते हैं, तो ये आपके और आपके आस-पास सभी के लिए अच्छा है। यही सबकुछ है।
क्या वो सही है, या गलत, कौन तय करेगा? अगर ये सभी को खुशहाली देती है, तो ये सही है। है न? कोई तय नहीं कर सकता कि सही क्या है और गलत क्या है। क्योंकि हज़ारों सालों से लोग उन्हीं चीज़ों पर बहस करते रहे हैं, और कोई भी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा है, कि सही और गलत क्या है।
और जिन लोगों को विश्वास है कि वे सही चीज़ें कर रहे हैं, उन्होंने हमेशा एक-दूसरे के साथ सबसे भयंकर चीज़ें की। हमेशा।
तो सही और गलत देखने के बजाय, जो उस नैतिकता का परिणाम है, जिसमें आप विश्वास करते हैं - आप अपने भीतर मानवता को क्यों नहीं जगाते? आप एक जीवित मानवता क्यों नहीं बनते।
मानवता का मलतब है, हमने अभी इस बारे में बात की – पशु प्रकृति का मतलब है सीमाएं बनाना। इंसानी प्रकृति का मतलब है सीमाओं को फैलाना या हर किसी को अपनी सीमाओं में शामिल करना। क्योंकि यही स्वाभाविक चाहत है, आप जहां भी हैं आप उससे ज्यादा कुछ बनना चाहते हैं।
ये क्यों है? ये इसलिए है, क्योंकि आपकी बुद्धि ऐसे स्तर पर पहुँच गई है जहां इसे सीमाएं पसंद नहीं है। ये फैलना चाहती है। यही इंसानी प्रकृति है। इंसानी प्रकृति कुदरती रूप से सभी को शामिल करती है। पशु प्रकृति खुद को अलग करती है, वो सीमाएं तय करना चाहती है।
तो सही और गलत की सीमाओं में होने के बजाए, अगर कोई गलत भी हो तो उसे खुद में शामिल करके हम जो सबसे अच्छा कर सकते हैं करें, क्योंकि जिस पल आप सोचते हैं कि मैं सबकुछ सही कर रहा हूँ। आपको जीवन में हर कोई गलत लगेगा।
इसे ईमानदारी से देखिए कि ज्यादातर लोग इस स्थिति में हैं, उनके अलावा हर कोई कहीं न कहीं गलती कर रहा है।
अगर सभी गलत हैं, और सिर्फ आप सही हैं, तो ये पागलपन का संकेत है। ये सही होने का संकेत नहीं है।
तो अपना समय सही निर्णय और गलत निर्णय में मत गंवाइये।
जब आप ठीक-ठाक रूप से संतुलित और स्पष्ट और खुश हों, न कि किसी चीज़ से परेशान हों, तब कोई निर्णय लीजिए और अपना जीवन उसमें लगाइए, कुछ शानदार होगा।
शायद आप सही चीज़ नहीं करेंगे, पर आप शायद एक महान चीज़ करेंगे, आप शायद एक शानदार काम करेंगे। इतना काफी है। मैं कितना दूर जाऊंगा, क्या होगा? ये बहुत सी चीज़ों पर निर्भर करता है, आपकी बुद्धि, आपकी क्षमता, और वो समय जिसमें आप जी रहे हैं। आपको आज के समय को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
इतिहास के अलग-अलग समय में अलग-अलग चीज़ें सफल होती हैं। शायद हम उसके तालमेल में हों, हम जो हैं शायद उसकी तारीफ़ आज होगी, शायद कल होगी। या शायद उसकी तारीफ हमारे जाने के बाद होगी।

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