बापूजी के साधकों ने उनकी शीघ्र रिहाई हेतु निकाली प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी यात्रा।

Описание к видео बापूजी के साधकों ने उनकी शीघ्र रिहाई हेतु निकाली प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी यात्रा।

श्री योग वेदांत सेवा समिति जम्मू द्वारा एक यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में साधकों ने भाग लिया और निर्दोष संत श्री आशारामजी बापू को मुक्त करने की मांग उठाई। जम्मू कश्मीर के आज तक के इतिहास की सब से भव्य इस यात्रा का मार्ग भगवती नगर आश्रम से विवेकानन्द चौक से शालामार से के.सी. मोड़ से बस स्टैण्ड से आश्रम तक था। आश्रम वक्ता श्री रामा भाई जी ने कहा कि झूठे आरोपों के तहत जोधपुर कारागार में रखे गये 86 वर्षीय संत आशारामजी बापू के स्वास्थ्य की स्थिति अत्यंत नाजुक है । जेल जाने से पूर्व 74 की उम्र में अतिव्यस्त जीवनशैली के बावजूद बापूजी को सिर्फ ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया व पीठ-दर्द की तकलीफ थी लेकिन 11.5 वर्ष से अधिक समय से लगातार कस्टडी के तनावयुक्त वातावरण से अब 86 वर्ष की इस वयोवृद्ध अवस्था में उनको हृदयरोग, पौरुष ग्रंथि की वृद्धि (prostate enlargement), संधिवात (arthritis) एवं रक्ताल्पता (anaemia) आदि नयी बीमारियों ने भी घेर लिया है । तनावमुक्त वातावरण में इच्छानुसार चिकित्सा आदि के अभाव से इन प्राणघातक बीमारियों की निवृत्ति न होने से उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है । बापू आशारामजी 13 जनवरी से 6 फरवरी 2024 तक जोधपुर के एम्स अस्पताल में कार्डियक आई.सी.यू. में भर्ती रहे हैं । AIIMS की रिपोर्ट के अनुसार उनके हृदय में 3 गम्भीर (99%, 90% और 75%) ब्लॉकेज हैं । बापूजी को लगातार रक्तस्राव हो रहा है, जिसकी वजह से उनके हीमोग्लोबिन का स्तर लगातार गिरता जा रहा है । उनकी गम्भीर शारीरिक स्थिति को देखते हुए हाल ही में पैरोल की अर्जी लगायी गयी थी जिसे उनके रोग की भयानकता को अनदेखा करके रद्द कर दिया गया ।
बापू आशारामजी ने अपना सारा जीवन समाजहित में लगा दिया फिर भी आज उनके स्वास्थ्य की इतनी गम्भीर स्थिति में उन्हें सटीक इलाज के लिए किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है ।
2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ‘कैदी को खराब स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत देने में उदारता बरती जानी चाहिए । व्यक्ति का सेहत ठीक रहे यह सबसे जरूरी है । उसकी सेहत से संबंधित समस्याओं का राज्य सरकार ध्यान रखे, न्यायपालिका को भी इसे सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ देखना चाहिए ।’
यह हर नागरिक का ऐसा संवेदनशील मौलिक अधिकार है जिसकी रक्षा होनी ही चाहिए । लेकिन बापू आशारामजी के मौलिक अधिकार का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है ।
पॉक्सो एक्ट व गैंग रेप की धारा में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को पहले स्वास्थ्य के आधार पर और बाद में बेटी की शादी के लिए बेल दी गयी । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू, पहलवान सुशील कुमार, दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र कुमार जैन, सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आर.के. अरोड़ा, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक आदि को हफ्तों-हफ्तों, महीनों-महीनों के लिए राहत दी गयी । हरियाणा के पूर्व चीफ मिनिस्टर ओम प्रकाश चौटाला को हार्ट का प्रोब्लम था और स्पेशिफिकली उस कारण के लिए उन्हें बेल मिली । इनके अलावा ऐसे तो अनेकों उदाहरण हैं ।
घोटाले, हत्या, मनी लाँड्रिंग आदि के आरोपियों, दोषियों को जब राहत दी जाती है तो निर्दोष संत आशारामजी बापू को उनकी इच्छा के अनुरूप उचित इलाज कराने से क्यों वंचित रखा जा रहा है ? यह उनके मानवाधिकारों व संवैधानिक अधिकारों का हनन है । श्री योग वेदांत सेवा समितियों, समस्त साधकों, नारी संगठन एवं कई हिन्दू संगठनों द्वारा माँग है कि सरकार द्वारा पूज्य बापूजी को यथेच्छित स्थान पर यथानुकूल चिकित्सा-पद्धति द्वारा उपचार हेतु शीघ्रातिशीघ्र राहत दी जानी चाहिए ।

Комментарии

Информация по комментариям в разработке