श्राद्ध का भोजन कैसा हो #pitrupaksha
pitrupaksha2025#pitrushradh#shraddh
#shraddhvidhi#shradhpaksh2025
पितृ पक्ष में भोजन से जुड़े नियम बहुत खास होते हैं। इस वीडियो में आप जानेंगे -
✅ श्राद्ध में क्या बनाना चाहिए
✅ किन चीज़ों से बचना चाहिए
✅ भोजन परोसने और अर्पण करने की परंपरा
👉सात्विक और शुद्ध भोजन ही पितरों को प्रिय होता है।
खीर, पूरी, उड़द दाल के बड़े और मौसमी सब्ज़ियाँ विशेष रूप से बनाई जाती हैं
👉तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज़ और बासी भोजन वर्जित है।
पाँच जगह अर्पण करना न भूलें कौवा, गाय, कुत्ता, चींटी और ब्राह्मण/अतिथिl
पितृ पक्ष में इन चार जगहों दीपक जलाएं और पूर्वजों का सदा आशीर्वाद पाए #pitrupaksha#mantra#pitrapaksha
पितृ पक्ष में दीपक जलाने से पितरों को शांति और संतुष्टि मिलती है। इन चार स्थानों पर दीपक अवश्य जलाएँ -
1 .पितरों की तस्वीर के पास
2. पीपल के पेड़ के नीचे
3. घर के मुख्य द्वार पर
4. दक्षिण दिशा में
1. पितृ पक्ष में इन 4 जगह दीपक जलाना न भूलें
2. पितरों को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय
3. पितृ पक्ष का गुप्त नियम – दीपक कहाँ जलाएँ?
4. इन 4 जगह दीपक जलाओ, पितरों का आशीर्वाद पाओ
5. पितृ दोष से मुक्ति पाने का सरल उपाय
6. दीपक जलाने का सही स्थान - पितृ प्रसन्न होंगे
7. पितृ पक्ष में दीपक जलाने का महत्व, ज़रूर जानें
8. क्यों जलाते हैं दीपक? पितृ पक्ष का रहस्य
9. इन जगहों पर दीपक जलाने से मिलते हैं अद्भुत फल
10. पितृ पक्ष उपाय – घर में सुख-शांति पाने का सरल तरीका
पितरों की कृपा से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
"धर्मशास्त्रों में तिल को पितरों का भोजन माना गया है। श्राद्ध के दौरान तिल का दान करने से पितृ दोष दूर होता है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है। खासकर काले तिल का दान सबसे शुभ माना गया है।"
पितृपक्ष हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र समय माना जाता है। इस दौरान हमारे पितृ (पूर्वज) पृथ्वी पर आते हैं और अपने वंशजों से तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान की अपेक्षा करते हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि पिंडदान का प्रथम अधिकार पुत्र को है। लेकिन यदि पुत्र न हो तो पिंडदान कौन कर सकता है?
पितृपक्ष में पिंडदान और श्राद्ध करना हर हिंदू का सबसे बड़ा कर्तव्य माना गया है। लेकिन अगर पुत्र न हो तो कौन कर सकता है पिंडदान? जानिए शास्त्रों के अनुसार इसका सही उत्तर और
पिंडदान करने वालों का क्रम।
इस वीडियो में आप जानेंगे
✅ पिंडदान करने वालों का क्रम (पुत्र, पौत्र, प्रपौत्र)
✅ पुत्र न होने पर श्राद्ध का अधिकारी कौन है?
✅ पत्नी, भाई, भतीजा और दत्तक पुत्र का अधिकार
✅ सम्पिंडों की भूमिका
🙏पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए श्राद्ध और पिंडदान
करें अवश्य
पितृ पक्ष में भूलकर भी न करें ये 5 काम
पितृपक्ष (श्राद्ध पक्ष) हिंदू धर्म का अत्यंत पावन समय है। इस दौरान पितरों को तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करके उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा की जाती है। मान्यता है कि पितृपक्ष में जो भी श्राद्ध कर्म श्रद्धा और नियमों से किया जाता है, उससे पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
इस वीडियो में आप जानेंगे:
✅ श्राद्ध किस दिन किसका करना चाहिए?
✅ पितृपक्ष में श्राद्ध की तिथि और महत्व
✅ श्राद्ध करने के नियम और सावधानियाँ
✅ श्राद्ध क्यों किया जाता है और इसके धार्मिक#pujavidhi#shorts #shortsfeed #श्राद्धपक्ष #PitruPaksha #Sanatan Dharma #Shraddh #HinduDharma #Pitra Dosh #PitruPaksha2025 #Bhakti #Puja Vidhi#Pitru Paksha #PitruPaksha2025#PitruShradh##PitruPaksha #mantra #कनागत#storybyvarsha #ytshots #पितृपक्ष2025 #श्रद्ध #पितृपक्ष #हिंदूत्योहार #आध्यात्मिकता #धार्मिककर्म #त्योहार 2025 पितृ पक्ष 2025 महत्वपूर्ण तारीखे
पितृपक्ष (श्राद्ध पक्ष) हिंदू धर्म का अत्यंत पावन समय है। इस दौरान पितरों को तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करके उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा की जाती है। मान्यता है कि पितृपक्ष में जो भी श्राद्ध कर्म श्रद्धा और नियमों से किया जाता है, उससे पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
#PitruPaksha #PitruPaksha2025 #श्राद्ध 2025
#PitruShradh #PitraShradh #PitruTarpan #श्राद्धविधि #HinduSanskar #SanatanSanskriti #Sanatan Dharma #HinduDharma #PitruPuja #श्राद्धतिथि2025 #PitruPakshaShradh #पितृश्राद्ध #श्रद्धांजलि #Hindu Tradition #PitruBlessings #श्राद्धमहत्व #श्राद्धकर्म #पितृपूजन
Pitru Paksha 2025, Pind Daan, Shraddh Vidhi, पुत्र न होने पर पिंडदान, Pinddaan ka adhikari, Shraddh 2025, Hindu Rituals, Sanatan Dharma, Pitru Paksha Shraddh, पिंडदान नियम, श्राद्ध कब करें लाभ
✅ पितृपक्ष 2025 की विशेष तिथियाँ
2025 में पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। इस दौरान कुछ काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए, वरना पितरों के क्रोध से जीवनभर कष्ट मिल सकता है। जानिए पितृ पक्ष के 5 निषेध कार्य और सही नियम।
श्राद्ध से संबंधित मान्यता है कि इससे पितरों की आत्मा को तृप्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा परिवार पर सदैव पितरों की कृपा बनी रहती है।
पितृपक्ष (श्राद्ध पक्ष) हिदूधम का अत्यत पावन समय हा इस दौरान पितरों को तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करके उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा की जाती है। मान्यता है कि पितृपक्ष में जो भी श्राद्ध कर्म श्रद्धा और नियमों से किया जाता है, उससे पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
Информация по комментариям в разработке