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Скачать или смотреть घर में कितना बड़ा शिवलिंग रखना चाहिए ? +918103481032

  • Harishankar Shivling Art/ Narmadeshwar Shivling
  • 2022-05-31
  • 411506
घर में कितना बड़ा शिवलिंग रखना चाहिए ? +918103481032
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Описание к видео घर में कितना बड़ा शिवलिंग रखना चाहिए ? +918103481032

नर्मदेश्वर शिवलिंग कितने प्रकार की होती है?
नर्मदा पत्थर शिव लिंगम में 9 प्रकार के नर्मदेश्वर शिवलिंग।

नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा कैसे करें?
सर्वप्रथम शिवलिंग पर जल चढ़ाए फिर दूध, दही, शंकर, शहद (पंचामृत ) से अभिषेक करे और फिर जल से अभिषेक करे। शिवलिंग पर चन्दन ,चावल ,पुष्प और बेलपत्र चढ़ायें। नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करने के बाद भगवान भोले नाथ से हाथ जोड़कर प्रार्थना करे की भोले नाथ आप हम पर सदा अपना आशीर्वाद बनाये रखना।

नर्मदेश्वर शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें?
नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा विधि नर्मदेस्वर शिवलिंग अपने आप बना हुआ एक स्वयंभू शिवलिंग है। इसलिए आप नर्मदा से प्राप्त शिवलिंग को सीधे ही अपने घर एवं मंदिर में स्थापित कर सकते हैं उसे प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत नहीं होती

नर्मदेश्वर शिवलिंग की पहचान क्या है?
वह शुद्धऔर छेद रहित तथा ठोस हो। असली नर्मदेश्वर शिवलिंग प्रकृति से काफी वजनदार होते हैं। सबसे बड़ी तो यह है कि इन्हें केवल नर्मदा नदी के निकट ही पाया जाता है। नर्मदा नदी के निकट बंकावा नामक गाँव में नर्मदा नदी सेनिकले स्वयंभू शिवलिंग को तराशे जाने के कार्य किया जाता है।

घर में कौन सा नर्मदेश्वर शिवलिंग रखना चाहिए?
पारद के अलावा आप स्फटिक और नर्मदा नदी के तट पर पाए जाने वाले नर्मदेश्वर शिवलिंग घर में स्थापित कर सकते हैं। जो साक्षात महादेव का रूप माना जाता है। मान्यता है कि नर्मदेश्वर शिवलिंग जिस घर में होता है वहां महादेव निवास करते हैं।

नर्मदेश्वर शिवलिंग हमें कहां मिला?
नर्मदेश्वर शिवलिंग या नर्मदा शिवलिंग (लिंगम) एक अनोखा पत्थर है जो प्राकृतिक रूप से निर्मित होता है और भारत के मध्य प्रदेश राज्य के बकावन गाँव में नर्मदा नदी के तल में पाया जाता है।

नर्मदेश्वर शिवलिंग की जांच कैसे करें?
यदि आपको लगता है कि शिवलिंग चावल से भारी है या इसके विपरीत, तो यह एक मूल बाणलिंग है, या यदि नहीं, तो यह एक सामान्य पत्थर है। यदि चावल की मात्रा पिछले के संबंध में हर चरण में बढ़ती (या घटती) है, तो यह एक बाणलिंग है या यदि नहीं, तो यह एक नर्मदेश्वर शिवलिंग है।

क्या हम घर पर नर्मदेश्वर शिवलिंग रख सकते हैं?
इसके अलावा स्फटिक शिवलिंग रखना शुभ माना जाता है। यह एक पारदर्शी शिवलिंग होगा। इसके अलावा नर्मदेश्वर शिवलिंग भी रख सकते हैं।

नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करने से क्या होता है?
नर्मदेश्वर शिवलिंग की महिमासावन के इस पवित्र महीने में किसी भी दिन नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना अपने घर, कार्यस्थल में करने से सौ गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके पूजन से बिगड़ी तकदीर संवर जाती है। जो भी उपासक या शिवभक्त नर्मदेश्वर शिवलिंग को पूजता है, उन्हें शिव भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

नर्मदेश्वर शिवलिंग का क्या महत्व है?
नर्मदेश्वर शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि वह हमें कई तरह के भय से बचाता है। कहते हैं कि नर्मदेश्वर शिवलिंग के वास स्थान से काल और यम का भय दूर रहता है। शिव पूजा में शिवलिंग की महत्ता को देखते हुए इसे घर और मंदिर दोनों जगहों पर स्थापित किया जाता है। इसे इन दोनों जगहों पर स्थापित करने के अलग-अलग नियम हैं |

नर्मदा शिवलिंग से क्या लाभ है?
नर्मदा लिंग शांति और सद्भाव लाएगा और बनाए रखेगा । नर्मदा शिवलिंग एक सबसे पवित्र प्रतीक और दिव्य ऊर्जा उपकरण है, इस स्थान पर बढ़ी हुई सकारात्मक ऊर्जा का आह्वान किया जाएगा। 'शनि साढ़ेसाती' के दौरान कई लोगों ने देखा है कि उन्हें 'नर्मदेश्वर शिवलिंग' रखने और पूजा करने से जबरदस्त राहत मिली।

क्या हम नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में रख सकते हैं?
हां, आप व्यक्तिगत पूजा के लिए घर पर नर्मदेश्वर शिवलिंग रख सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप इसकी पवित्रता बनाए रखें और दैवीय ऊर्जा को जीवित रखने के लिए नियमित अनुष्ठान करें।

क्या मैं नर्मदेश्वर शिवलिंग पहन सकता हूं?
हां, कोई भी व्यक्ति नर्मदेश्वर शिवलिंग लॉकेट पहन सकता है, चाहे उसका लिंग, आयु या धार्मिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो। यह एक पवित्र प्रतीक है जो आध्यात्मिक संबंध और दिव्य आशीर्वाद चाहने वाले सभी व्यक्तियों के लिए खुला है।

नर्मदेश्वर शिवलिंग क्यों प्रसिद्ध है?
नर्मदेश्वर शिवलिंग को पूजा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे दुर्लभ शिवलिंगों में से एक माना जाता है। भगवान शिव या महादेव सर्वोच्च सत्ता के पहलू का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें बुराई, पाप और दुःख का नाश करने वाला माना जाताहै।

शिवलिंग का मुंह किस तरफ होना चाहिए?
शिवलिंग को उत्तर या पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है । जयत्रिलिंग का मुख हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए क्योंकि पूर्व दिशा को शिव की दिशा माना जाता है और कैलाश पर्वत उत्तर दिशा में स्थित है।

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय मुंह किधर होना चाहिए?
वास्तु के अनुसार शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय आपका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। इस दिशा में मुंह करके जल चढ़ाने से भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती की भी कृपा प्राप्त होती है।

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय क्या बोलना चाहिए?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए जलाभिषेक करते समय आपको 'श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः। स्नानीयं जलं समर्पयामि' मंत्र का जाप करना चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय 'ओम शर्वाय नम:', 'ओम विरूपाक्षाय नम:' मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।

भगवान शिव को बुलाने का मंत्र क्या है?
अक्सर "पंचाक्षरी मंत्र" के रूप में संदर्भित, " ओम नमः शिवाय " हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह पाँच भागों से बना है और हिंदू धर्म की प्रमुख परंपराओं में से एक शैव परंपरा में इसका अत्यधिक अभ्यास किया जाता है। इसका अर्थ है: "मैं शिव को नमन करता हूँ।"

'ॐ त्र्यम्बकाय नम: - त्र्यम्बक स्वरूप शिव को नमस्कार। वह तीनों लोकों के संरक्षक हैं।'

"शिवलिंग का जल पीने से व्यक्ति को कई प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।"

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