Don’t Take it Personally | जायज़ ग़ुस्सा नाजायज़ ग़ुस्सा | Harshvardhan Jain | 7690030010

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Demonstrate your character, your civility, your culture and your leadership to every person you meet. This will enhance your image, make it shine like a diamond.

एक उत्साहित व्यक्ति जिस भी व्यक्ति से मिलता है उसे उत्साह का प्रसाद दान के रूप में दे दिया करता है। व्यक्ति के पास जो कुछ होता है, वही दूसरों को भेंट करता है। सफल व्यक्ति सफलता के दीप जलाकर सूर्य के समान प्रभावशाली सफलता की मशाल जला देता है। उदाहरण दिए नहीं जाते हैं, बल्कि उदाहरण नाम की उपाधि को जीता जाता है। उत्साह के रथ पर सवार व्यक्ति दुनिया जीतने की हिम्मत रखता है, दुनिया हिलाने की हिम्मत रखता है और दुनिया बदलने की हिम्मत रखता है। एक उत्साहित व्यक्ति लाखों लोगों पर भारी पड़ता है। एक सेनापति यदि उत्साह से भरा हुआ हो तो जीत की संभावनाएं सातवें आसमान पर होती हैं। एक उत्साहित व्यक्ति अपने आप में एक जीता जागता ब्रह्मांड होता है। उसकी कल्पनाओं में समुद्र की विशालता और अंतरिक्ष का शांत वातावरण सृजन के नए द्वार खोल देता है।

चरित्र नामक ऊर्जा सुनामी, भूकंप और ज्वालामुखी से निकलने वाली ऊर्जा से कहीं अधिक तांडवकारी होती है। चरित्र रूपी अमृत से भरा हुआ व्यक्ति अपने नियम खुद बनाता है और दुनिया में बदलाव की लहर बन जाता है। चरित्रवान व्यक्ति अपने सकारात्मक अनुशासन से दूसरों के सामने एक मिसाल पेश करता है और लोगों के मन में सकारात्मकता की मसाल जला देता है। जो व्यक्ति सभ्यता की विज़न होता है, वह लोगों के मन में छाए हुए शक, संदेह, क्रोध और नकारात्मकता के बादलों को साफ कर देता है। इसलिए आप जिस व्यक्ति से मिलें, अपने चरित्र का प्रदर्शन करें, अपनी सभ्यता का प्रदर्शन करें, अपने संस्कारों का प्रदर्शन करें और अपनी लीडरशिप का प्रदर्शन करें। इससे आपकी छवि निखरना शुरू होती है, हीरे की तरह चमकना शुरू करती है और लोगों के मन में महत्वपूर्ण स्थान बनाना शुरू करती है। यदि आप किसी से बात करते समय अपनी छवि का ध्यान रखते हैं, तो आपके भविष्य को शानदार होने से कोई नहीं रोक सकता है क्योंकि आपने अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया है।

विवाद बढ़ने के लिए समय, परिस्थिति और अहंकार जिम्मेदार होता है। जब कोई व्यक्ति जानबूझकर गलती करता है या अपनी गलती मानने से इनकार करता है, तब विवाद का जन्म होता है। यदि प्रत्येक व्यक्ति अपनी गलती का अहसास होते ही क्षमा मांग ले, तो विवाद के बढ़ने की संभावनाएं नगण्य हो जाती हैं। सभ्य लोग विवादों का अंकुर फूटने से पहले ही विवाद की जड़ को ही कुचल देते हैं और विवाद के साम्राज्य को बड़ा होने से पहले ही समाप्त कर देते हैं। तभी लोग अपने विवादों को सुलझाने के लिए उनके पास आते हैं; ताकि भविष्य में नकारात्मकता का साम्राज्य न फैल सके। सफल लोग अपने क्रोध की पूंजी को सोच समझ कर खर्च करते हैं क्योंकि क्रोध नाम की पूंजी का सही जगह पर निवेश करने से ही अचंभित करने वाले परिणाम मिलते हैं। लेकिन सामान्य व्यक्ति, जिसे अपने भविष्य का अनुमान नहीं होता है; वह जानबूझकर अपने गुस्से को हवा देता रहता है, ताकि विवाद पैदा हो और उसका मनोरंजन हो सके। जिनका भविष्य पूर्व निर्धारित होता है, सुनियोजित होता है; वह कभी ना ही विवादों को हवा देता है और ना ही अपने क्रोध को अनियंत्रित होने देता ह। तभी उसकी सफलता की सीमाएं अनियंत्रित होकर असीमित हो जाती हैं।
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