गुप्त भूमिगत कक्ष में खोजा गया प्राचीन विमान? श्रीरंगम मंदिर, भारत😮

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भारत के एक प्राचीन मंदिर श्रीरंगम के रहस्यमय भूमिगत कमरे की असली फुटेज़! आखिर इस भूमिगत कक्ष के अंदर ऐसा क्या था जो कि इतना गोपनीय है, कि पूरी संरचना को ही सील कर दिया गया?🤔

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00:00 - रहस्यमय भूमिगत कमरा
01:15 - प्राचीन प्रतीक चिह्न
02:05 - भूमिगत कक्षों में छिपा प्राचीन रहस्य
03:32 - पद्मनाभास्वामी और श्रीरंगम के मंदिर में समानता
04:31 - एक उड़ने वाला यंत्र
05:20 - नक्काशियों के रूप में संदेश
06:03 - विमान की नक्काशी
06:26 - विमान शब्द का अर्थ
07:18 - सीमेटिक रचना
08:24 - एक बड़ा धातु का बना विमान
08:49 - स्वर्ण विमान
09:50 - भूमिगत मेहराब
10:34 - निष्कर्ष


हैलो दोस्तों, आप जिसे देख रहें हैं वो भारत के एक प्राचीन मंदिर श्रीरंगम के रहस्यमय भूमिगत कमरे की असली फुटेज़ है। इस भूमिगत कमरे की खोज 2015 में की गई थी और विशेषज्ञ इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह एक विश्वसनीय वीडियो है। श्रीरंगम का यह मंदिर कम से कम 2000 साल पुराना है और इसमें कई पौराणिक रहस्य छुपे हुए हैं। इस कमरे की खोज होने के एक हफ्ते बाद, प्राधिकारियों ने इसे पूरी तरह से बंद कर दिया और इसे ग्रेनाइट के ब्लॉक और धातु के दरवाज़ों से सील कर दिया, जिसे आप अभी यहां देख रहें हैं।
अब इसके अंदर जाने और परीक्षण करने का कोई रास्ता नहीं है। इस भूमिगत कक्ष के अंदर ऐसा क्या था जो कि इतना गोपनीय है, की पूरी संरचना को ही सील कर दिया गया?

मैंने यहां के कुछ स्थानीय लोगों से इस बारे में बात की है, और वास्तव में हुआ ये था। 2015 तक, ये प्रवेशद्वार ग्रेनाइट के पत्थर के ब्लॉक से बने दो दरवाज़ों से बंद था और इसे कैसे खोलना है ये किसी को नहीं पता था। प्राधिकारियों ने आखिरकार इन दरवाज़ों को तोड़ा, और भूमि के स्तर वाले कक्ष में दाखिल हुए। इस प्रवेश-द्वार के ऊपर किस चीज की नक्काशी की गई है उसे देखिए। यह निस्संदेह प्रवेश को बंद करते हुए दो द्वारों को दर्शा रहा है और यहां नीचे एक शंक्वाकार(कोनिकल) चिन्ह है जो कि ज़मीन के सीधे नीचे इशारा कर रही है। ये साफ तौर पर किसी महत्वपूर्ण चीज की तरफ इशारा करने वाले प्राचीन प्रतीक होते थे, मैं निश्चित रूप से नहीं जानता कि क्या यही कारण है जिस वजह से प्राधिकारियों ने दरवाज़े को तोड़ने और अंदर जाने का फैसला किया।

जब प्राधिकारी इस ज़मीन के स्तर वाले कक्ष के अंदर गए, तो उन्हें ज़मीन पर बनी शंक्वाकार(कोनिकल) खुदाई मिली। वे जमीन के उस स्थान पर पत्थरों को हटाने लगे, और उन्हें पता चला कि ये एक भूमिगत कमरे की ओर ले जाती है। आप स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि ये कमरा भूमिगत स्तर पर है। लेकिन इस स्तर के भी ठीक नीचे एक और कक्ष पाया गया था | जिन मज़दूरों ने इसे अपनी आँख से देखा था वे इस बात की पुष्टि करते हैं। आप एक मिट्टी से ढंके हुए छोटे आयत को देख सकते हैं, और उसके ऊपर एक पोल भी रखा हुआ है। ये उस दूसरे भूमिगत स्तर तक पहुंचने का द्वार था, जिसमें कुछ असाधारण था। ये बिल्कुल जाहिर सी बात है कि प्राधिकारियों ने इसे पत्थर के ब्लॉक से ढाक दिया, कुछ मिट्टी डाल दी और इसके ऊपर एक पोल रख दिया, ताकि कोई इसे खोल ना सके।

अगर इसके नीचे कुछ नहीं होता तो यहां पोल रखने की कोई जरूरत ही नहीं होती। उस दूसरे भूमिगत कक्ष की कोई फुटेज़ नहीं है, और प्राधिकारियों ने उस कक्ष को खोलने के एक सप्ताह के अंदर ही पूरी तरह से सील कर दिया। उस भूमिगत कक्ष में क्या रहा होगा? उसे जनता के बीच क्यों नहीं दिखाया गया? ये जाहिर सी बात है कि उन कक्षों में कोई प्राचीन रहस्य था, क्योंकि अगर वे कमरे सचमुच में खाली होते, तो उन्हें सील करने की कोई जरूरत नहीं होती। मैंने कक्षों की बात की है क्योंकि यहां देखिए (2.05) ये एक दरवाज़े की कुण्डी है जो कि दूसरे कक्ष की तरफ ले जाएगी। और (1.12) देखिए - ये एक नया ब्लॉक है जिसे हाल में ही रखा गया है। ये सारे साक्ष्य सिद्ध करते हैं कि प्राधिकारियों को आस पास और भी कक्ष मिले थे और फिर उन्होंने सबकुछ बंद कर दिया।

अभी तक, हमने जो कुछ भी देखा है वो आश्चर्यजनक रूप से पद्मनाभास्वामी मंदिर में जो भी हुआ था उससे मिलता जुलता है। पद्मनाभास्वामी मंदिर में भी बहुत सारे भूमिगत कक्ष हैं और वहां कम से कम 17 बिलियन डॉलर के बराबर मूल्यवान वस्तुएँ मिली थी और आखिरी कक्ष को तो अभी तक खोला ही नहीं गया है। पद्मनाभास्वामी और श्रीरंगम के मंदिर अद्भुत रूप से एक दूसरे के समान है, दोनों ही भगवान विष्णु को समर्पित हैं। यहां तक की गर्भ-गृह में रखी मूल देवताओं की मूर्तियां भी एक समान दिखती हैं। क्या श्रीरंगम के इन भूमिगत कक्षों में भी पद्मनाभास्वामी मंदिर की तरह बड़ी मात्रा में सोने और जवाहरात रखे हुए हैं?

जबकि यहां काम करने वाले मज़दूर इस बात की पुष्टि करते हैं कि एक बड़ा ख़ज़ाना बिल्कुल मिला था, वे एक इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात का खुलासा करते हैं: इन में से एक कक्ष में एक 10 फुट लंबा धातु का बना विमान था, एक उड़ने वाला यंत्र, जिसे हिलाने पर उससे तेज़ आवाज़ निकलती थी। क्या स्थानीय लोग कहानियां बना रहे हैं या फिर यहां सचमुच एक छोटा विमान मिला था? विश्व भर में, हमने छोटे यू.एफ.ओ और उड़नतश्तरियों की कुछ आंखोदेखी वारदातें सुनी हैं, एक तो केक्सबर्ग, पेंसिलवेनिया में भी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।


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