🌕 शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) 🌕
विवरण (Description):
शरद पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह दिन वर्ष की सबसे प्रकाशमय और शुभ पूर्णिमा मानी जाती है, क्योंकि इस रात चांद अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है।
कहा जाता है कि इस रात को चांदनी में अमृत बरसता है, इसलिए लोग दूध और चावल से बनी खीर बनाकर खुले आकाश के नीचे रखते हैं। माना जाता है कि इस खीर में चंद्रमा की किरणों से अमृत के गुण आ जाते हैं, जो स्वास्थ्य और सौभाग्य प्रदान करते हैं।
यह दिन मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा के लिए विशेष होता है। कुछ जगहों पर इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है — जिसका अर्थ है "कौन जाग रहा है?" माना जाता है कि इस रात जो व्यक्ति जागकर भगवान का ध्यान करता है, मां लक्ष्मी उसे धन-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
मुख्य बातें:
🌸 तिथि — आश्विन पूर्णिमा
🌸 पूजन देवता — माता लक्ष्मी एवं चंद्र देव
🌸 विशेष परंपरा — चांदनी में रखी खीर का सेवन
🌸 मान्यता — अमृत बरसने की रात, आरोग्य व समृद्धि की कामना
संक्षेप में:
"शरद पूर्णिमा की रात चांदनी अमृत बन जाती है,
जो जागे वो लक्ष्मी कृपा का पात्र बन जाता है।" 🌕
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