Chal_meri

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बहुत ही सुन्दर गीत।
हमरा उत्तराखंड की लोक विरासत।
स्वर - वीरू रावत
तबला - मनीष रावत
धुन - पौराणिक


लिरिक्स-
चल मेरी बाँमणी, बिन्सर जयोलै द्वी ।
औलादी कै बाना, मंगरो नयोंलै द्वी। ।

कातिक का मैना, बैकुण्ठ चतुरदश आली ।
बिन्सर देवा का मेला, भेंट चढौलै द्वी ।।
हो भै चल मेरी बाँमणी ,

दुधा तोली डाँडा, घँणा देबदारौ का बीच ।
बाबा बस्यू होलू , दर्शन कैर्योले द्वी। ।

पाँच पण्डौ की पूजा, तब ब्रह्मा ढुंगीं जौंला ।
दर्शन कैरी बाबा का, चौथान देख्योलै द्वी ।।
हा भै चल मेरी .......

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