Dantewada City | दंतेवाड़ा शहर | Jagdalpur City | Baster | Chhattisgarh | SANTU DHURWE VLOGS

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Dantewada City | दंतेवाड़ा शहर | Jagdalpur City | Baster | Chhattisgarh | SANTU DHURWE VLOGS
दंतेवाड़ा भारत की सबसे पुरानी बसाहटों में से एक है। जिन्होंने अपना जीवन जीने का तरीका नहीं बदला, अपने लोक नृत्य नहीं छोड़े, अपने मधुर लोक गीतों को अपने दिलों में बसाये रखा, जिनके बाशिंदों की मोहक मुस्कान हमारा दिल जीत लेती है। यह बसाहट दंतेवाड़ा है। इस शहर का नाम इस क्षेत्र की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी के नाम से पड़ा। अनुश्रुति है कि दक्ष यज्ञ के दौरान गिरे सती के बावन अंगों में से एक यहाँ गिरा और इस शक्तिपीठ का निर्माण स्थापित हुआ।

जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा का गठन बस्तर जिले से पृथकीकरण के पश्चात २५ मई १९९८ को हुआ। जिले के वर्ष २००७ में हुए विभाजन के फलस्वरूप बीजापुर अलग जिले के रूप में पृथक हुआ और सुकमा वर्ष २०१२ में अलग जिले के रूप में|

घने जंगलों, सुंदर घाटियों और बलखाती नदियों से घिरा दंतेवाड़ा प्रकृति के प्रेमियों के लिए धरती में स्वर्ग है। माँ दंतेश्वरी के ऐतिहासिक मंदिर के अलावा भी दंतेवाड़ा में पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के अनेक मंदिर और स्थापत्य हैं। बारसूर का स्थापत्य दंतेवाड़ा के गौरवशाली इतिहास का साक्षी है और वहीं जनजातीय संस्कृति में अपने परिजनों की स्मृति में लगाए गए पाषाण स्तंभ बताते हैं कि इस संस्कृति में कितना वैविध्य और गहराई है।

दंतेवाड़ा में माड़िया, मुड़िया, धुरवा, हल्बा, भतरा, गोंड जैसे अनेक जनजातीय समूह है। इनके द्वारा उत्सवों और मेले के दौरान गाये जाने वाले गीत और नृत्यों से ग्रामीण संस्कृति के चटख रंग सामने आते हैं जो आपके भीतर गहराई से शांति, सुकून और आनंद भर देते हैं। जनजातीय समूहों को गौर का सिंग धारण कर दंडामी माड़िया या गौर नृत्य करते देखना आपके आँखों को चमक से भर देता है और इसका सौंदर्य आपकी आत्मा को प्रसन्न कर देता है।

ईश्वर ने दंतेवाड़ा को विविध खनिज पदार्थों का वरदान भी दिया है। बैलाडीला विश्व के सबसे बड़े लौह अयस्क के निक्षेप में से एक है। इस लौह अयस्क में आयरन की मात्रा ६८ प्रतिशत है जो इसे विश्व का सबसे उम्दा आयरन ओर बनाता है। इसी तरह यूरेनियम, ग्रेनाइट, ग्रेफाइट, चूना पत्थर तथा संगमरमर के निक्षेप भी जिले में हैं।

विगत दशकों में, दंतेवाड़ा सभी क्षेत्रों मे एक स्थिर बल्कि तीव्र गती के विकास का साक्षी बनी है। पोर्टा कैबिन जो इसी जिला मे आविष्कृत हुआ है और जिसका गुणवत्ता पूरक आवासीय शिक्षा व्यवस्था के चलते शाला त्यागी बच्चों की दर मे गणनीय गिरावट लाना संभव हुआ है, इस क्षेत्र मे एक बड़ी गैम चेंजर माना जाता है | लगभग 7000 छात्रों को प्राथमिक शिक्षा से स्नातकोत्तर तक नि:शुल्क, आवासीय गुणवत्तापूरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए निर्मित श्री अटल बिहारी वाजपेयी एजुकेशन सिटी; के पी एम जी द्वारा वर्ष 2012 के लिए शिक्षा के क्षेत्र मे दुनिया का 100 नवाचारों मे सूची बद्ध किया गया| जिला मे ही सृजित तथा सफलता पूर्वक संचालित आजीविका कॉलेज की अवधारणा को शासान द्वारा पूरी राज्य मे लाबू किया गया | विशेष आवश्यकता वालें बच्चों को अवरोध मुक्त आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए निर्मित सक्षम को सभी ने सराहा है | लक्ष्य तथा छूलों आसमान जैसी सफल योजनाए स्थानीय युवाओं को अपनी सुनहरा भविष्य के बारे मे स्वप्न देखने की पर्याप्त मौका दिया है | कृषि के क्षेत्र मे जैविक उत्पादकों का उत्पादन, खरीदी, मिलिंग तथा विपणन करने वाली कृषकों का अपनी समिति भूमिगाद ने सभी से प्रशंसा पाया है | राज्य का सबसे बड़ी रूरल बी पी ओ बस्तर युवा बी पी ओ ने सिलिकान वैली को बस्तर लेकर आने मे सफल हुआ जिस से बस्तर के युवा को कारपोरेट कल्चर मे काम करने की मौका के साथ-साथ सफेद पोषा स्थाई रोजगार से जुड़ सके

यहाँ के जंगलों की गहरी शांति, आकाश छूती पहाड़ियाँ, मेलो में होने वाले अहर्निश नृत्य से उठी धुंध और जनजातीय लोगों के ढोल की आवाज आपको बहुत गहरे तक छू जाएंगे।

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