सच्चा आदमी हारता क्यों है, बेईमान सब जीतते क्यों हैं? || आचार्य प्रशांत (2024)

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वीडियो जानकारी: 31.01.24, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
~ मन को शांति चाहिए, दिक्कत ये होती है कि अहम अपनी चाह को ही अपनी पात्रता बना लेता है।
~ अहम ने अपने इर्दगिर्द संसार क्यों तैयार करा है?
~ अहम सच के संपर्क में आकर क्यों टूटता है?
~ मैं कहने का अर्थ होता है, अपने मुक्त स्वतंत्र अस्तित्व की घोषणा करना।
~ परतंत्रता का एक लक्षण होता है स्वतंत्रता की प्यास। जो परतंत्र होगा उसके मन में कहीं न कहीं आजादी का भाव उठेगा।
~ जहाँ जो है नहीं हम उसकी आस बांध लेते हैं, शास्त्र में अविद्या की यही परिभाषा है।

संगीत: मिलिंद दाते
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