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Microorganisms (सूक्ष्मजीव) | बैक्टीरिया, कवक, शैवाल, वायरस, प्रोटोजोआ | कक्षा 8वीं विज्ञान |
सूक्ष्मजीव (Microorganisms) ऐसे जीव होते हैं जिन्हें नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता और इन्हें देखने के लिए माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होती है। ये विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें बैक्टीरिया, कवक, शैवाल, विषाणु, और प्रोटोजोआ शामिल हैं। आइए इन सूक्ष्मजीवों पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें:
1. बैक्टीरिया (Bacteria):
संरचना: बैक्टीरिया एककोशीय, प्रोकैरियोटिक (बिना न्यूक्लियस के) जीव होते हैं।
आकार: यह गोलाकार, छड़ी के आकार या सर्पिल रूप में हो सकते हैं।
प्रजनन: ये द्विखंडन (Binary fission) द्वारा तेजी से विभाजित होते हैं।
उपयोगिता: बैक्टीरिया हमारे पर्यावरण में जैविक विघटन और नाइट्रोजन स्थिरीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हानिकारक प्रभाव: कुछ बैक्टीरिया रोगजनक होते हैं, जो मानव, पौधों और जानवरों में बीमारियों का कारण बनते हैं, जैसे ई.कोलाई और सैल्मोनेला।
2. कवक (Fungi):
संरचना: कवक यूकैरियोटिक होते हैं, जिनमें कोशिका भित्ति चिटिन से बनी होती है।
प्रकार: इसमें खमीर (Yeast), फफूंद (Molds), और मशरूम जैसे जीव शामिल होते हैं।
प्रजनन: ये यौन और अलैंगिक दोनों प्रकार से प्रजनन कर सकते हैं। खमीर बडिंग द्वारा विभाजित होता है।
उपयोगिता: कवक जीवों के अपघटन और कुछ औद्योगिक प्रक्रियाओं में सहायक होते हैं, जैसे शराब और पनीर निर्माण।
हानिकारक प्रभाव: कुछ कवक बीमारियों का कारण बन सकते हैं, जैसे एथलीट फुट और कैंडिडा संक्रमण।
3. शैवाल (Algae):
संरचना: शैवाल यूकैरियोटिक होते हैं और इनमें क्लोरोफिल मौजूद होता है, जिससे ये प्रकाश संश्लेषण कर सकते हैं।
प्रकार: इनमें सिंगल-सेल्ड से लेकर बहुकोशीय जीव शामिल होते हैं, जैसे कि हरे शैवाल और भूरे शैवाल।
प्रजनन: ये यौन और अलैंगिक दोनों प्रकार से प्रजनन कर सकते हैं।
उपयोगिता: शैवाल पानी के अंदर ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं और जलीय पारिस्थितिक तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
हानिकारक प्रभाव: कुछ शैवाल जल के प्रदूषण का कारण बनते हैं, जिन्हें 'एल्गल ब्लूम' कहा जाता है, जो जलीय जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है।
4. विषाणु (Viruses):
संरचना: विषाणु अकोशिकीय होते हैं और इनमें DNA या RNA होता है, लेकिन अपने आप से जीवित नहीं रह सकते। इन्हें जीवित रहने के लिए किसी मेज़बान कोशिका की आवश्यकता होती है।
आकार: ये बहुत छोटे होते हैं, और माइक्रोस्कोप से ही देखे जा सकते हैं।
प्रजनन: ये मेज़बान कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं और उन्हें अपनी कॉपी बनाने के लिए उपयोग करते हैं।
उपयोगिता: कुछ विषाणु जैविक अनुसंधान और चिकित्सा विज्ञान में उपयोगी होते हैं।
हानिकारक प्रभाव: विषाणु कई बीमारियों का कारण बनते हैं, जैसे इन्फ्लुएंजा, एचआईवी, और कोविड-19।
5. प्रोटोजोआ (Protozoa):
संरचना: प्रोटोजोआ यूकैरियोटिक एककोशीय जीव होते हैं, जो ज्यादातर पानी में पाए जाते हैं।
आकार: ये विभिन्न आकारों और रूपों में होते हैं।
प्रजनन: ये यौन और अलैंगिक दोनों प्रकार से प्रजनन कर सकते हैं।
उपयोगिता: प्रोटोजोआ जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और कुछ मिट्टी में पोषक तत्वों को बनाए रखने में मदद करते हैं।
हानिकारक प्रभाव: कुछ प्रोटोजोआ बीमारियों का कारण बनते हैं, जैसे मलेरिया (प्लाज्मोडियम) और अमीबियासिस।
ये सूक्ष्मजीव हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिनमें से कुछ लाभकारी हैं तो कुछ हानिकारक भी हो सकते हैं।
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