पित्र पक्ष में क्या करें क्या न करें।। पित्र पक्ष में पितरों को नाराज़ नहीं करना चाहिए वरना भुगतना।

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पित्र पक्ष में क्या करें क्या न करें।। पित्र पक्ष में पितरों को नाराज़
नहीं करना चाहिए वरना भुगतना पड़ते हैं परिणाम
कुल की मान मर्यादा को बनाए रखने के लिए अपने पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कारों को चलाते रहे।।आने वाली पीढ़ियों को अपने घर की सभी प्रथाओं को सिखाते हुए चले तभी आपके कुल का विकास सम्भव है।।
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पित्र पक्ष में तर्पण विधि कैसे करें सरल उपाय

पितृ पक्ष हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण समय होता है, जो पूर्वजों को श्रद्धांजलि और तर्पण करने के लिए समर्पित होता है। इस दौरान कुछ विशेष कार्यों को करने की परंपरा होती है, वहीं कुछ कामों को न करने की सलाह दी जाती है।

पितृ पक्ष में क्या करें:

1. तर्पण और पिंडदान: पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।


2. श्राद्ध कर्म: अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध करना आवश्यक माना जाता है। इसमें उनके पसंदीदा भोजन का भोग लगाकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।


3. दान: भोजन, वस्त्र, और जरूरतमंदों को दान करना पुण्यकारी माना जाता है। ब्राह्मणों को भोजन कराना भी लाभकारी होता है।


4. सात्विक आहार: इस समय में सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए, जैसे कि फल, दूध, और बिना प्याज-लहसुन का शाकाहारी भोजन।


5. पवित्रता बनाए रखें: घर में साफ-सफाई और पवित्रता बनाए रखना चाहिए, क्योंकि यह पूर्वजों के प्रति सम्मान दर्शाने का एक तरीका है।



पितृ पक्ष में क्या न करें:

1. नए कार्यों की शुरुआत न करें: इस समय में कोई नया कार्य, व्यापार या शुभ कार्य जैसे विवाह या गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।


2. अशुद्ध आहार न लें: प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा का सेवन करने से बचें। इस समय सात्विक और शुद्ध आहार लेना चाहिए।


3. कटु वचन और बुरे कर्म से बचें: इस दौरान क्रोध, अपशब्द या किसी का अनादर करने से बचना चाहिए।


4. भोजन का अपमान न करें: खाने की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। भोजन को पवित्रता और श्रद्धा से ग्रहण करना चाहिए।


5. धार्मिक अनुष्ठान के समय पर ध्यान दें: श्राद्ध कर्म सूर्योदय से लेकर दोपहर तक किया जाना चाहिए, शाम को नहीं।



इन नियमों का पालन करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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