Inertial vs Non-Inertial Frames | Pseudo Force Explained! @STUDYBNY @PhysicsWallah @VigyanRecharge @MohdAfiffiPhysics @facts 
जड़त्वीय-अजड़त्वीय निर्देश तन्त्र तथा छद्म बल
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1. परिचय
भौतिकी में वस्तुओं की गति और बलों के प्रभाव को समझने के लिए हमें किसी संदर्भ तंत्र (Reference Frame) की आवश्यकता होती है। इस संदर्भ तंत्र के द्वारा हम किसी वस्तु की स्थिति, गति, और उसके ऊपर लागू होने वाले बलों का अध्ययन करते हैं। जब हम भौतिकी की बात करते हैं, तो हमें यह जानना जरूरी होता है कि हम किस संदर्भ तंत्र में स्थित हैं, क्योंकि इसका प्रभाव गति के नियमों पर भी पड़ता है। इस संदर्भ में, दो प्रमुख प्रकार के निर्देश तंत्र होते हैं — जड़त्वीय निर्देश तंत्र (Inertial Frame of Reference) और अजड़त्वीय निर्देश तंत्र (Non-Inertial Frame of Reference)। ये दोनों तंत्र हमारे अनुभव और गति के नियमों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं। इसके साथ ही, अजड़त्वीय निर्देश तंत्र में छद्म बल (Pseudo Force) का भी अस्तित्व होता है, जिसे समझना बेहद महत्वपूर्ण है।
2. जड़त्वीय निर्देश तंत्र (Inertial Frame of Reference)
जड़त्वीय निर्देश तंत्र वह तंत्र है, जिसमें कोई वस्तु उस तंत्र के साथ या तो स्थिर रहती है या समान गति से चलती रहती है। दूसरे शब्दों में, जड़त्वीय तंत्र में वस्तुओं की गति एक समान होती है, जब तक उन पर बाहरी बल का प्रभाव न हो। जड़त्वीय तंत्र का सबसे बड़ा उदाहरण पृथ्वी का स्थिर होना माना जा सकता है, हालांकि पृथ्वी पूरी ब्रह्मांड में घूम रही होती है, लेकिन हमारे दैनिक जीवन में पृथ्वी का सापेक्ष रूप से स्थिर होना एक जड़त्वीय तंत्र का उदाहरण देता है।
जड़त्वीय तंत्र के गुण
1. न्यूटन के गति के नियम
जड़त्वीय निर्देश तंत्र में न्यूटन के तीनों गति के नियम पूरी तरह से लागू होते हैं। इसका मतलब है कि यदि कोई वस्तु इस तंत्र में है और उस पर कोई बाहरी बल नहीं लग रहा है, तो वह स्थिर रहेगी या समान गति से चलती रहेगी (न्यूटन का पहला नियम)।
2. त्वरण का अभाव
इस तंत्र में कोई वस्तु जब तक बाहरी बलों से प्रभावित नहीं होती, तब तक उसका त्वरण शून्य रहता है। उदाहरण के लिए, जब एक कार स्थिर खड़ी होती है और उस पर कोई बल नहीं लगता, तो वह स्थिर रहती है।
जड़त्वीय तंत्र के उदाहरण
एक स्थिर कार: जब एक कार स्थिर खड़ी होती है और उस पर कोई बल नहीं लगता, तो यह एक जड़त्वीय तंत्र माना जाएगा।
आंतरिक्ष: अंतरिक्ष में एक उपग्रह अपनी गति में किसी बाहरी प्रभाव के बिना लगातार एक समान गति से चलता है, यह एक जड़त्वीय तंत्र का उदाहरण है।
पृथ्वी: हालांकि पृथ्वी घूर्णनशील होती है, लेकिन इसके आकार और घूर्णन के कारण इसे छोटे स्तर पर एक जड़त्वीय तंत्र माना जा सकता है।
3. अजड़त्वीय निर्देश तंत्र (Non-Inertial Frame of Reference)
अजड़त्वीय निर्देश तंत्र वह तंत्र है, जो किसी त्वरण से गतिशील होता है। जब कोई तंत्र स्वयं त्वरित हो रहा होता है, तो वह अजड़त्वीय कहलाता है। इसमें, वस्तुएं अपने स्थान से बदलने के लिए कुछ अतिरिक्त बलों का अनुभव करती हैं। यह बल वास्तविक नहीं होते, बल्कि तंत्र के त्वरण के कारण उत्पन्न होते हैं, जिसे छद्म बल कहा जाता है।
अजड़त्वीय तंत्र के गुण
1. त्वरण का होना
अजड़त्वीय तंत्र में, सभी वस्तुएं जो इस तंत्र के संदर्भ में होती हैं, एक अनिवार्य रूप से त्वरण का अनुभव करती हैं। यदि कोई व्यक्ति एक तेज़ गति से चलती ट्रेन में बैठा है, तो उसे ब्रेक लगाते समय झटका महसूस होता है।
2. न्यूटन के नियमों का संशोधन
3. छद्म बल का अस्तित्व
अजड़त्वीय तंत्र में छद्म बल (Pseudo Force) उत्पन्न होता है। यह बल उस तंत्र के त्वरण की दिशा में विपरीत दिशा में कार्य करता है। इसे "काल्पनिक बल" भी कहा जाता है, क्योंकि यह किसी वास्तविक संपर्क से उत्पन्न नहीं होता।
अजड़त्वीय तंत्र के उदाहरण
तेज़ गति से चलती कार: जब कोई व्यक्ति तेज़ गति से चलती कार में बैठा हो और अचानक ब्रेक लगाए जाएं, तो उसे आगे की ओर खिंचाव महसूस होगा।
4. छद्म बल (Pseudo Force)
छद्म बल वह बल है जो केवल अजड़त्वीय निर्देश तंत्र में ही अनुभव किया जाता है। यह बल किसी बाहरी संपर्क या वास्तविक बल के कारण नहीं होता, बल्कि यह केवल पर्यवेक्षक के सापेक्ष तंत्र के त्वरण के कारण उत्पन्न होता है।
छद्म बल के गुण
2. प्रकार
छद्म बल का आकार और दिशा हमेशा तंत्र के त्वरण की विपरीत दिशा में होती है। जैसे ही तंत्र की गति बढ़ती है या घटती है, छद्म बल का प्रभाव भी बदलता है।
3. दृश्यमान
छद्म बल को कभी-कभी काल्पनिक या अनदेखा बल कहा जाता है, क्योंकि यह एक वास्तविक बल नहीं है। यह केवल उस तंत्र के संदर्भ में होता है जो त्वरण में है।
छद्म बल के उदाहरण
तेज़ गाड़ी में अचानक ब्रेक लगाना
जब कोई गाड़ी तेज़ गति से चल रही हो और अचानक ब्रेक लगा दिए जाएं, तो उसमें बैठे व्यक्ति को बाहर की ओर खिंचाव महसूस होता है।
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