संक्षिप्त एवं सरल हवन विधि- गृहे गृहे यज्ञ अभियान ( AWGP)

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गृहे-गृहे यज्ञ अभियान के अन्तर्गत 15 करोड़ घरों में एक साथ एक ही समय पर गायत्री यज्ञ संपन्न किए जा रहे हैं
सामूहिक यज्ञ की प्रचण्ड उर्जा से आसुरी शक्तियों का विनाश एवं वैश्विक महामारी से हम सभी की रक्षा होगी।चारो ओर स्वस्थ एवं पवित्र वातावरण का निर्माण होगा।
अखिल विश्व गायत्री परिवार अपने इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है अतः आप सभी से निवेदन है कि आप सभी गृहे -गृहे यज्ञ अभियान में बढ़ चढ़ कर भाग लें और इस अभियान को सफल बनाने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।

नए परिजनों के लिए ये सरल हवन विधि का विडियो तैयार किया गया है। यज्ञ को जन-जन तक पहुँचाने के लिए एक छोटा सा प्रयास किया है।
यज्ञ करने से पहले 2-3 बार विडियो अवश्य देखें।अग्निस्थापनम् से पहले विडियो को रोककर घर के सदस्य गायत्री मंत्र बोलते हुए कलावा बांध लें।कलावा को रक्षासूत्र एवं संकल्प सूत्र भी कहते हैं इस भावना के साथ कि माँ गायत्री हमारी रक्षा करेगी एवं संकल्प यह कि गायत्री मंत्र का जप अपनी उपासना में अवश्य शामिल करेंगे। स्वयं भी करें एवं अपने बच्चों को भी प्रेरित करें।सभी में सुसंस्कारों की स्थापना होगी एवं कुसंस्कारों का शमन होगा।
यज्ञ में बड़े मंत्रों के स्थान पर गायत्री मंत्र के द्वारा क्रिया संपन्न किया गया है ताकि सभी भाई बहन अपने घरों में यज्ञ कर सके और अपने घर से नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक उर्जा का संचार करें।

यज्ञ विधाता की विश्व समुदाय को एक अमूल्य भेंट है, परम पूज्य गुरुदेव प. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने यज्ञ को समग्र चिकित्सा कहा हैं, अर्थात यज्ञ द्वारा न केवल आध्यात्मिक अपितु मानसिक, शारीरिक एवम भौतिक संतापों से भी मुक्ति मिलती है, यज्ञ के क्या आध्यात्मिक लाभ है इससे तो जनसमुदाय परिचित है, किन्तु यज्ञ द्वारा मनुष्य के शरीर, वृक्ष-वनस्पति एवम प्राणी जगत के रोगों का निदान भी किया जा सकता है, इसका विवरण भारत के ऋषियों में लाखों वर्ष पूर्व यजुर्वेद में भी दिया हैं।
यज्ञ वर्तमान समय मे भी वैज्ञानिकों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है, वैज्ञानिकों द्वारा यज्ञ के ऊपर बहुत से शोधकार्य भी किए जा चुके है, कुछ वर्ष पूर्व डॉ ममता सक्सेना जी ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड दिल्ली के साथ यज्ञ पर की एक शोध में पाया कि यज्ञ द्वारा कक्ष में उपस्थित सूक्ष्म रोगाणुओं जैसे बैक्टेरिया, फंगस, और पैथोजन की संख्या में भारी कमी आ गयी एवम कक्ष रोगाणुओं से मुक्त हो गया और इसका प्रभाव कई दिनों तक बना रहा । इस शोध का लिंक यहाँ दिया जा रहा हैं शोध क्रमांक 8,9,10 और 11 पर क्लिक करके आप इसे आसानी से समझ सकते है।
https://www.yagyopathy.com/research-p...
साथियों आज जब कोरोना वायरस का खतरा अत्यधिक बढ़ गया है व सरकार या अन्य राष्ट्र अभी तक इसकी दवा नही बना पाए है तो ऐसे में यज्ञ इसकी रोकथाम में उपयोगी भूमिका निभा सकता है, यह कथन डॉ तनुजा नेसारी जी जो आयुर्वेद एम्स की प्रमुख है उनके द्वारा भी बताया गया हैं।
आइये इस ग्रह गृह यज्ञ अभियान में हम इस वायरस से संसार को मुक्ति मिलने एवम आसुरी तत्वों के नाश की कामना करें। साथ ही नित्य यज्ञ करने व कराने का संकल्प लें।
देव संस्कृति के दो निर्माता
यज्ञ पिता - गायत्री माता

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