मैं हूं। Bhagwat Gita.. श्रीमद्भागवत गीता भूमिका ...part 10

Описание к видео मैं हूं। Bhagwat Gita.. श्रीमद्भागवत गीता भूमिका ...part 10

नमस्ते आप सभी को
यहां आपको भगवत गीता को हम आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं जैसे किसी भी पुस्तक या यंत्र या पुराण या वेद या तकनीक को सीखने के लिए हमको प्रशिक्षण की आवश्कता होती हैं और हमको पहले निर्देश या प्रस्तावना या भूमिका दी जाती है,ताकि हम उस कार्य को सीख कर उसमे निपूर्ण हो जाए और वो कार्य हमारे लिए सहज हो जाए । जैसे गीता मे भी कहा गया है कि औषधि लेने से पहले हम चिकित्सक की सलाह लेते हैं उसी प्रकार गीता को हम ऐसे ही इसके वक्ता द्वारा दिए गए निर्देशानुसार ही स्वीकार करे ।
इसका अर्थ यहां पर ये हैं की जो भी आपकी पूर्व धारणा है उसको लेकर या मस्तिष्क में रखकर गीता को ना पढ़े इसको समझे इसको जाने ज्यों का त्यों स्वीकार करे
चिंतन करे की हमको गीता क्या उपदेश दे रही है कुछ समझ न आए बार बार पढ़े, ठहरे और शांत चित्त से इसको समझे
यहां आपको गीता नही समझाई जा रही यहां जो हमने अपने चिंतन से जो विचार मनन करके जो समझ हैं उसको आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे है हमने जो कहां वो हमारी धारणा भी हो सकती हैं विचार भी ऐसा नहीं है कि जो हमने यहां कहां वही पत्थर की लकीर हैं मैने जितना जाना या सीखा केवल वही आपके सामने प्रस्तुत होगा वो सही भी हो सकता हैं और गलत भी क्योंकि सबका अपना अपना नज़रिया हैं
किर्पया कोई भी इसको व्यक्तिगत ना ले बस यही हमारी विनती है
धन्यवाद

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