Sindhi Hanuman Chalisa | Singer Ajaymukesh | Shree Hanuman Chalisa in Sindhi

Описание к видео Sindhi Hanuman Chalisa | Singer Ajaymukesh | Shree Hanuman Chalisa in Sindhi

Song :- Sindhi Hanuman Chalisa
Singer :- Ajay Mukesh (INDORE,BURHANPUR)
Sindhi Translation :- Bhisham Tekchandani
Producer :- Mrs. Neeta Bijlani
Music Production :- Rupesh Mehra
Video Editing:- Suspence Creations
Graphic Design & Publicity:- Ritika Chhabria
Video Graphics Footage By:- 4K HD Footage / @4khdfootage368

Contact For Any Sindhi Event Booking Like- Ladies Sangeet,karaoke unplugged night,liveshows,bollywoodnight,celebrity night,Behrana Sahib, Mata KiChowki, Ghazals Evening, Jokes Night, Bhajan, Kiratn, VarsiUtsav, Wedding Dance Group,anchor,choreographer, Etc....
Call/Watsapp:-9827042977&9406664977 Subscribe Our Youtube Channel For Daily New Sindhi Videos :- / singerajaymukesh follow us on instagram- / music_singerajaymukesh Like Us OnFacebook- / singerajay.mukesh / music_singerajaymukesh

We the🎙️SAM Musical Group🎙️
a leading and dedicated musical team of Central India exist to shape culture through the power of artistry in all types of events including.......
Live Band🎸 Weddings💐 Sindhi Lada💃 Cocktails🍸 Birthday 🎉 Corporate🎤 And all types of musical events, So just make a call to book our musical services to glorify your all events musically and artistically... ❤️ Let's delight and refashion the world through the powerful force of music. ❤️
For more details, feel free to contact-📲 SAM Musical Group, SingerAjaymukesh Call/Watsapp:-📱 9827042977&9406664977
To show your love Like the video And subscribe to my channel..
🥰🥰😇 Make Sure You Set The Bell Icon To "All" Waiting For Your Subscription...
😇Thanks For Visiting😇
@All Right to this video is reserved To Another channel Inform Before Taking any Action🥰😇
श्री हनुमान चालीसा सिंधीय में

जय श्री राम + जय श्री हनुमान
श्री गुरु चरणनि जी धूड़ि लगाए, करे पवित्र मनु ऐं वि‍चार,
श्री रघुवीर जी महिमा गा॒इयां, जेको बख़्शे फ़ल चार ।

मां बेअकुलु मां लब्बल, कयां सिमरन तुहिंजो बार-म-बार,
ब॒लु अकुलु इल्म ढे॒ई मूंखे, मुहिंजे ढु॒ख पापनि खे हार ।

जय हनुमान गुण ज्ञान जो सागर, जय भोलेश्वर ट्रिन जहांन जो नामवर॥1॥
रामदूत अणमट ब॒लधारी, अंजनी पुट्रु पवन नामधारी ॥2॥

तूं महावीर जोधो बजरंगी, दुष्टाई नासक सियाणप जो संगी ॥3॥
रंग सोनहरो सुहिणो वेस्स, कननि में कुण्डल घंडेदार केस ॥4॥

हथनि में तुहिंजे बजरु ऐं झंडो, मूंज ज॒णियनि सां सजियल कंधो ॥5॥
शंकर अवतार केसरी अंशज, सघ वाखाण जी जगु॒ करे इबादत॥6॥

इल्मी आलिमी गुणी होशियार, राम काज लाइ सदाईं तैयार ॥7॥
राम जी महिमा वणे तोखे बुधणु, सियाराम लखन तुहिंजे दिल वसनि ॥8॥

बारीक सरूप सीता खे दे॒खारियो, भारी रूप में लंका खे बा॒रियो ॥9॥
भव्य रूप धारे राकास मारियो, श्री रामचन्द्र जो हर कारज करियो ॥10॥

आणे संजीवनी लखन जिआरियो, श्री रघुवर खुश थी दिल सां लगायो ॥11॥
कई रघुवर तुहिंजी कदरु शनासी, चयो जीअं भरत तीएं तूं मुहिंजो भाती ॥12॥

हज़ार मुख तुहिंजी तारीफ़ गाइनि, इहो चई श्रीराम तोखे भाकुरु पाइनि ॥13॥
रिषी मुनी नारद ऐं ब्रह्मा, सनक सरस्वती गाइनि तुहिंजी महिमा ॥14॥

यम कुबेर रखवार ऐं माहिर, कोन्ह करे सघनि तुहिंजी वडा॒ई ज़ाहिर ॥15॥
तव्हां सुग्रीव ते कई भलाई, राम मिलाए दि॒यारी बाद्शाही ॥16॥

नसीहत तव्हांजी मञी विभीषण, जगु॒ जा॒णे बणियो लंका राजण ॥17॥
लखन कोहन ते परे उभिरियलु, सिजु ग॒रकायो समझी मिठो फ़लु ॥18॥

प्रभुअ जी मुंड्री मूंह में लिकाए, कयो पार सागर अचरज नाहे ॥19॥
अहंज हाज जेतिरा बि जग॒त जा, तवहांजी कृपा सां थियनि सहेजा ॥20॥

राम जे दर तुहिंजी रखवारी, घिड़ी सघे न को बिन मंज़ूरी ॥21॥
सरन तवहांजी सब खां सुखकारी, तुहिंजी हिफ़ाज़त बिन ड्रप डेजा॒री ॥22॥

तुहिंजो परताब तुहिंजे बस में संभालणु, तुहिजे गजण सां ट्रेई लोक तड़कण ॥23॥
जिन पिरेत वेझो कोन्ह ईंदा, जे महावीर जो नाउं जपींदा ॥24॥

नासे मर्ज़ु मिटाए हर पीड़ा, जपु नाउं निरतर हनुमंत ब॒लवीरा ॥25॥
सबु संकट अटक हनुमान भजा॒ए, कम मन वचन में तुहिंजो नाउं जो ध्यावे ॥26॥

राम सिरेष्ट तपसवी राजा, राम काज कया सहिंज सां सजा॒ ॥27॥
जो मनु सचारु ख्वाहिश रखे, बेहद पधरो फ़लु मिले हुन खे ॥28॥

चइनी जुग॒नि में वाखाण तव्हांजी, जग॒ में मशहूर सुञाण तव्हांजी ॥29॥
साधु सन्तनि जो तूं रखवारो, असुर नासक राम जो प्यारो ॥30॥

अठ सिद्धि नवं रिद्धिय जो दाता, ईहो वरु बख्शियो जानकी माता ॥31॥
राम नाम जी औषध तवहा वटि, रहो सदाईं रघुपती खे अर्पित ॥32॥

मिले राम तुहिंजा भजन जो गाए, जनम जनम जा ढु॒ख मिटाए ॥33॥
अजल काल राम दर पहुंचाईं, जनम जनम राम भग॒तु चवाईं ॥34॥

बि॒यनि देवनि जी भले न करि सेवा, हनूमान सेवा में सब सुखु ऐं मेवा ॥35॥
संकट हरे मिटे सभ औखाई, जपे जो नाउं हनुमान गोसाईं ॥36॥

जय जय जय श्री हनुमान गोसाईं, गुरु कृपा रखजाइं सदाईं ॥37॥
जो करे हीउ पाठु सौ वारी, छुटनि बं॒धण थे ह्याती सुखकारी ॥38॥

हनुमान चालिसा जो मन सां पढ़ंदो, शिव साखी आ, सफ़ल सिद्ध थींदो ॥39॥
हरी सेवक आहे तुलसीदास सदाईं, सदा रहजाइं मुहिंजे मन में गोसाईं ॥40॥

पवन पुट्रु संकट तदारक, सगोरो सुखकारी रूप,
श्री राम लखन सीता गडि॒जी, रहो मन मुंहिजे प्रभू ॥

Комментарии

Информация по комментариям в разработке