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Скачать или смотреть उत्तराखंड के पांच केदार ओर पंचकेदार के कथा 🛕(पांडवों के पश्चाताप और मोक्ष की प्राप्ति)

  • *Son Of Devbhoomi *🛕🙏*
  • 2025-05-26
  • 246
उत्तराखंड के पांच केदार ओर पंचकेदार के कथा 🛕(पांडवों के पश्चाताप और मोक्ष की प्राप्ति)
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Описание к видео उत्तराखंड के पांच केदार ओर पंचकेदार के कथा 🛕(पांडवों के पश्चाताप और मोक्ष की प्राप्ति)

महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों को भारी आत्मग्लानि हुई। उन्होंने अपने ही संबंधियों और गुरुजनों का वध किया था, जिससे उनका हृदय अपराधबोध से भर गया। इस पाप से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने भगवान शिव की शरण लेने का निश्चय किया। वे हिमालय की ओर निकल पड़े, जहाँ शिव का वास माना जाता है।

भगवान शिव, पांडवों से रुष्ट थे, इसलिए उनसे मिलने से बचने के लिए उन्होंने एक विशाल बैल का रूप धारण किया और केदार क्षेत्र में छुप गए। पांडव लगातार उनकी खोज में लगे रहे। अंततः भीम ने उस बैल को पहचान लिया और उसे पकड़ने का प्रयास किया। बैल भागने लगा, लेकिन भीम ने उसकी पूंछ पकड़ ली। तभी बैल भूमि में समाने लगा और उसके शरीर के पाँच भाग अलग-अलग स्थानों पर प्रकट हो गए।

इन पाँच स्थानों पर शिव के विभिन्न अंग प्रकट हुए और वहीं पाँच मंदिर स्थापित हुए, जो आज पंचकेदार के नाम से प्रसिद्ध हैं।

केदारनाथ में भगवान शिव का पृष्ठ भाग पूजित हुआ,

तुंगनाथ में उनकी भुजाएं,

रुद्रनाथ में मुख,

मध्यमहेश्वर में नाभि और पेट का भाग,

तथा कल्पेश्वर में उनकी जटाएं प्रकट हुईं।


पांडवों ने इन सभी स्थानों पर भक्ति और पश्चाताप के साथ पूजा की। भगवान शिव उनकी भक्ति से प्रसन्न हुए और उन्हें दर्शन देकर आशीर्वाद प्रदान किया। उनके पाप क्षमाप्राप्त हुए और अंततः उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई।

आज भी ये पाँचों स्थान – पंचकेदार – श्रद्धालुओं के लिए गहन भक्ति और तीर्थ यात्रा के केंद्र हैं। यह कथा हमें बताती है कि सच्चा पश्चाताप, भक्ति और तपस्या भगवान को प्रसन्न कर सकती है और आत्मा को शुद्धि तथा मुक्ति की ओर ले जाती है।

with InShot:https://v.inshot.com/invite

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