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Скачать или смотреть मेघवंशी (मेघवाल) समाज परिचय || MRP FILM STUDIO

  • MRP Film Studio
  • 2025-09-25
  • 27
मेघवंशी (मेघवाल) समाज परिचय || MRP FILM STUDIO
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Описание к видео मेघवंशी (मेघवाल) समाज परिचय || MRP FILM STUDIO

मेघवंशी (मेघवाल) समाज परिचय

(मेघवंश इतिहास)

राजस्थानी-हिन्दी संक्षिप्त शब्दकोश, राजस्थान पुरातन ग्रंथमाला ग्रंथांक 157 संस्करण 1987, संपादक पद्मश्री सीताराम लालस के अनुसार मेघवाल शब्द का अर्थ पृष्ठ सं. 410 में इसे एक अनुसूचित जाति लिखा है। साथ ही मेघवाल को एक प्राचीन राजवंश व मेघ जाति का अर्थ 'एक राजा' भी लिखा देखने को मिलता है।

नालन्दा विशाल शब्द सागर संस्करण संवत 2007 पृष्ठ संख्या 1122 में मेघ का अर्थ राक्षस, दैत्य भी लिखा है और वहीं मेघ वाहन का अर्थ एक राजा का नाम, जो बौद्ध था व मेघस्वर का अर्थ एक बुद्ध का नाम बताया गया है। इसी तरह मेघ का अर्थ बादल, घन भी देखने को मिलता है।

इस जाति का नाम आधुनिक भारतीय संविधान में राजस्थान प्रांत में आज भले ही अनुसूचित जाति की सूची में क्रमांक 46 पर देखा जाता है परन्तु इसका इतिहास बेहद प्राचीन व गौरवशाली रहा परन्तु खेद है कि उसे अनदेखा कर दिया गया और कई मनोकल्पित लोक मान्यताओं से उनका इतिहास ढकने का प्रयास निरन्तर जारी रहा। मेघवंश इतिहास (ऋषि पुराण) संस्करण संवत् 2055 के पृष्ठ संख्या 38 पर स्वामी गोकुलदास जी महाराज 'मत्स्य पुराण' के अनुसार लिखते हैं कि "ब्रह्माजी के पुत्र अंगिरा ऋषि श्रद्धा से चार कन्या सिनीवानली कुहू, राका, अनुमिति और 2 लड़के उत्थ्य और वृहस्पति पैदा हुए। ब्रह्माजी के पुत्र वशिष्ट ऋषि की अरुन्धति नामक स्त्री से मेघ, शक्ति आदि 100 पुत्र और ऊर्चा नामक स्त्री से 7 पु. चित्रकेतु, सुरोचि, बिरजा, मित्र, उल्वण, वसु, भ्रधान, द्युमान उत्पन्न हुए। ब्रह्माजी के पुत्र मेघ ऋषि से मेघवंश चला।

वहीं पृष्ठ सं. 48 पर मारवाड़ मर्दुमशुमारी रिपोर्ट सन् 1891 भाग 3 का हवाला देते हुए लिखा गया है कि "परमेश्वर ने अपने बदन के मैल से एक पुतला बनाया और उसको जिन्दा करके 'मेघचन्द' नाम रखा। उसके चार बेटे हुए रांगी, जोगा (जोगचंड) और आदरा (यहां कुछ लोग डांगी भी लिखते हैं)। आगे यह भी आगे वीडियो देखने से पहले हमारे पेज MRP FILM STUDIO को फॉलो करें

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