लक्ष्मी जी का धन, संपत्ति और ऐश्वर्य देने वाला मंत्र
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ऊँ ह्रीम् श्रीम् ठं ठं ठं नमो भगवते, मम सर्वकार्याणि साधय साधय । माम् रक्ष, रक्ष शीघ्रम् , माम् धनिनम् कुरु कुरु, फट् श्रीयम् देहि। मम आपत्ति निवारय निवारय स्वाहा।।
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Mahalaxmi ka Vaidik Mantra
लक्ष्मी जी हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं। वह भगवान विष्णु की पत्नी हैं। पार्वती और सरस्वती के साथ, वह त्रिदेवियाँ में से एक है और धन, सम्पदा, शान्ति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। दीपावली के त्योहार में उनकी गणेश सहित पूजा की जाती है।
लक्ष्मी पूजन का मूहर्त पंचाग, कैलेंडर, न्यूजपेपर में बता दिया जाता है। लक्ष्मी जी की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की विधिवत पुजा करें उसके बाद लक्ष्मी जी और सरस्वती माता की पूजा करें। पूजा के लिए जो जो तस्वीर या मूर्ती ली जा रही है उसमें लक्ष्मी जी, गणेश जी और सरस्वती माता बैठी हुई होनी चाहिए।
सभी गृहस्थों को बैठी हुई लक्ष्मी जी की पूजा करना श्रेष्ठ रहता है।
जिनका व्यवसाय चर लक्ष्मी से जुड़ा हुआ हो ( जैसे ट्रांसपोर्ट , टूर, ट्रेवल वाले) वो खड़ी लक्ष्मी जी की पूजा कर सकते हैं। अगर नौकरी करने वाले खड़ी लक्ष्मी जी की पूजा करते है तो उनका बार बार job change होना , नौकरी में अस्थिरता , जल्दी जल्दी ट्रांसफर होने जैसी परेशानियां आती हैं।
अपने घर के मंदिर में दक्षिणावर्ती शंख स्थापित करें, इससे धन लाभ के योग बनेंगे।
शुक्रवार को लक्ष्मी मंदिर में खीर का भोग लगाकर प्रसाद को गरीबों में बांट दें ऐसा करने से सेविंग और इनकम बढ़ेगी।
स्थिर लक्ष्मी के लिए, इन मंत्रों का पाठ दिपावली की रात्री में लक्ष्मी पूजा के समय स्थिर लग्न ( वृष, सिंह और वृश्चिक ) में अवश्य करें।
लक्ष्मी प्राप्ति के दिव्य मंत्र पाठ।
१. महालक्ष्मी द्वादशनाम स्तोत्र
ॐ त्रैलोक्य पूजिते देवी कमला विष्णुवल्लभे ।
यथा त्वम् अचला कृष्णा तथा भव मयि स्थिरा ।।
ईश्वरी कमला चंचला लक्ष्मीश्चला भूतिर्हरिप्रिया
पद्मा पद्मालया संपदुच्चै श्री पद्माधारिणी ।
द्वादशैतानि नामानि लक्ष्मीं संपुज्य य: पठेत्
स्थिरा लक्ष्मीर्भवेद् तस्य पुत्र दारादिभि : सह।।
इस स्तोत्र का अर्थ इस प्रकार है।
हे ! तीनों लोकों में पूजी जाने वाली देवी महालक्ष्मी( कमला) , विष्णुप्रिया और अचला जिस प्रकार आप इस नाम से जानी जाती है उसी प्रकार आप हमारे घर में स्थिर बनी रहे ।
तीनों लोकों में जो कोई भी आपका भक्त यदि आपके इन बारह नामों का पाठ नियम पूर्वक पाठ करता है उसके पास पुत्र और पत्नी सहित स्थिर लक्ष्मी बनी रहती है। मेरे पर भी आपकी कृपा बनी रहे इसलिए मैं आपके इन बारह नामों का स्मरण कर रहा हूं ।
१. ईश्वरी, २. कमला ,३.चंचला, ४ .लक्ष्मी : , ५. अचला ६.भूति : ७. हरिप्रिया, ८. पद्मा, ९ पद्मालया , १०.संपदुच्चै, ११. श्री , १२.पद्माधारिणी ।
२. गणेश लक्ष्मी श्रीगणपतिस्तोत्रम्
श्री गणेशाय नमः ।
ॐ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने ।
दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने ॥ १॥
लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोपशोभितम् ।
अर्धचन्द्रधरं देवं विघ्नव्यूहविनाशनम् ॥ २॥
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः हेरम्बाय नमो नमः ।
सर्वसिद्धिप्रदोऽसि त्वं सिद्धिबुद्धिप्रदो भव ॥ ३॥
चिन्तितार्थप्रदस्त्वं हि सततं मोदकप्रियः ।
सिन्दूरारुणवस्त्रैश्च पूजितो वरदायकः ॥ ४॥
इदं गणपतिस्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः ।
तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मीर्न मुञ्चति ॥ ५
३. लक्ष्मी जी का वैदिक मंत्र
श्रीश्चतेलक्ष्मीश्चपत्न्यावहोरात्रे पार्श्वेनक्षत्राणि रूपमश्विनौ व्यात्तम् इष्ण्णन्निषाणा मुंमऽइषाण सर्वलोकम्मऽइषाण ॥
हे महानारायण आदित्य ! श्री और लक्ष्मी आपकी पत्नियाँ हैं, ब्रह्मा के बनाएं हुए दिन-रात , आकाश में स्थित नक्षत्र आपके पार्श्व स्वरूप हैं। अंतरिक्ष और पृथ्वी आपके विकसित मुख हैं। प्रयत्नपूर्वक आप सदा मेरे कल्याण की इच्छा करें। मुझे आप अपना कल्याणमय लोक प्राप्त करावें और सारे योगैश्वर्य मुझे प्रदान करें।
४. लक्ष्मी गायत्री मंत्र - ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे, विष्णुपत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।।
अर्थ-
मैं उन लक्ष्मी जी का ध्यान और नमन कर रहा हूं, जो महालक्ष्मी भी है और भगवान विष्णु की पत्नी भी है । तो हे माँ लक्ष्मी मुझे बुद्धि दो और मेरे मन को रोशन करो।
५. लक्ष्मी जी का धन , संपत्ति और ऐश्वर्य देने वाला मंत्र
ऊँ ह्रीम् श्रीम् ठं ठं ठं नमो भगवते, मम सर्वकार्याणि साधय साधय । माम् रक्ष, रक्ष शीघ्रम् , माम् धनिनम् कुरु कुरु, फट् श्रीयम् देहि। मम आपत्ति निवारय निवारय स्वाहा।।
प्रात: काल शिवलिंग का जल से अभिषेक करने बाद इस मंत्र की एक माला ( 108 बार) का जाप पूर्व दिशा में मुंह करके शांत चित्त होकर शिवलिंग के समक्ष या अपने घर में बनाए गए पूजा स्थल के सामने पवित्र आसन पर बैठकर करें।
इस मंत्र का जाप शुक्रवार के दिन से या नवरात्रि की नवमी ( सिद्धिदात्री के दिन) से,या दिवाली की रात्रि से शुरू करें तथा नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करें।
** शीघ्र फल प्राप्ति हेतु शिवलिंग पर सात बील (बिल्व)पत्र चढ़ाए
ABOUT MANTRA: TREDITIONAL
MUSIC - NIL
Sound - HANUMAN SAHAY SHARMA
CHANNEL - MANTRA SHAKTI AUR SAMADHAN
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