माँ शाकुंभरी देवी मंदिर | शक्तिपीठ मां Shakumbari Devi | शाकंभरी | Saharanpur | Katha Sangam

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मान्यता है कि मां शाकंभरी देवी के दर्शन करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। नवरात्र सहित अन्य दिनों में रोजाना लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन करने पहुंचते हैं। इन दिनों मां शाकंभरी के दरबार में श्रद्धालुओं का तांता लगा है। कहा जाता है कि जो भक्त मां शाकंभरी देवी के दर्शन कर लेते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। यहां दूर-दूर से लोग मां शाकंभरी देवी के दर्शन करने आते हैं।

सहारनपुर जनपद मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर शिवालिक पर्वत श्रृंखला में स्थित सिद्धपीठ मां शाकंभरी देवी मंदिर की गिनती देश के 51 पवित्र शक्तिपीठों में की जाती है। इस सिद्धपीठ में मत्था टेकने से प्राणी सर्व सुख संपन्न हो जाता है। तीर्थ के निकट क्षेत्र में बाबा भूरादेव, छिन्मस्तिका मंदिर, रक्तदंतिका मंदिर आदि है। मां शाकंभरी देवी आदिशक्ति का ही स्वरूप है। सिद्धपीठ में बने माता के पावन भवन में माता शाकंभरी देवी, भीमा, भ्रामरी, शताक्षी देवी की भव्य एवं प्राचीन मूर्ति स्थापित है।

मान्यता है, कि पुरातन युग में जब राक्षसों के घोर पाप के कारण सृष्टि पर अकाल पड़ गया था, ठीक उसी समय सभी देवताओं ने मिलकर शिवालिक पर्वत श्रृंखला की प्रथम शिखा पर पूर्ण भक्ति भावना, आस्था एवं श्रद्धा से ओतप्रोत होकर मां जगदंबा की आराधना की थी। इससे प्रसन्न होकर मां भगवती प्रकट हुई और उन्होंने अपनी माया का चमत्कार दिखाते हुए अकाल ग्रस्त पृथ्वी लोक से भूख और प्यास के प्रकोप को दूर कर दिया।

एक अन्य कथा के अनुसार शाकुम्भरा (शाकंभरी) देवी ने 100 वर्षों तक तप किया था और महीने के अंत में एक बार शाकाहारी भोजन कर तप किया था। ऐसी निर्जीव जगह जहां पर 100 वर्ष तक पानी भी नहीं था, वहां पर पेड़-पौधे उत्पन्न हो गए।

यहां पर साधु-संत माता का चमत्कार देखने के लिए आए और उन्हें शाकाहारी भोजन दिया गया। इसका तात्पर्य यह था कि माता केवल शाकाहारी भोजन का भोग ग्रहण करती हैं और इस घटना के बाद से माता का नाम 'शाकंभरी माता' पड़ा।

मार्कंडेय पुराण में भी उल्लेख किया गया है कि शिवालिक पर्वत पर पुरातन काल में मां गौरी नारायणी का शीश गिरा था। भक्तों की यही मान्यता है कि मां भगवती सूक्ष्म रूप में इसी स्थल पर वास करती है।

शाकुंभरी देवी के बारे में यह भी कहा जाता है कि उन्होंने राक्षस राजा महिषासुर का वद्ध की किया था। यहां पर मंदिर के पूर्व में एक किलोमीटर की दूरी पर एक ओर अन्य मंदिर स्थित है जो भूरा देव (भगवान भैरव) को समर्पित है, जिन्हें शाकुंभरी देवी का रक्षक माना जाता है। ऐसा माना जाता है की भगवान भैरव के दर्शन के बिना भक्तों के लिए शाकुंभरी देवी मंदिर के दर्शन अधूरे हैं।

Shakti Peeth Shakumbhri, meaning the abode of Shakti Goddess Shakambhari or Shakumbhri, is situated in the Jasmour village area, at a distance of 40 km to the north of Saharanpur in Uttar Pradesh state of Northern India. It has two important temples of Hindu deities: one of the Goddess (Devi) Shakumbhri herself and another one, Bhura-Dev temple, located one kilometer away from it to the east, of the deity Bhairava, considered to be her guard. Another temple dedicated to this goddess and quite famous is near the Sambhar Lake, in Rajasthan.Another big temple of Shakumbari devi is located in Badami, of Bagalkot District of Karnataka.
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