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Скачать или смотреть Vomiting during Pregnancy/ गर्भावस्था में महिलाओं को उल्टी क्यों होती है ।कैसे करें कंट्रोल ।

  • Sehat ki chaupal
  • 2025-05-02
  • 4609
Vomiting during Pregnancy/ गर्भावस्था में महिलाओं को उल्टी क्यों होती है ।कैसे करें कंट्रोल ।
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Описание к видео Vomiting during Pregnancy/ गर्भावस्था में महिलाओं को उल्टी क्यों होती है ।कैसे करें कंट्रोल ।

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में वोमिटिंग की शिकायत, उल्टी की शिकायत। प्राय सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भ की पहली तिमाही में उल्टियां या जी मालिश की प्रॉब्लम रहती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन ये सामान्य प्रक्रिया कब खतरनाक बन सकती है ये जानना जरूरी है। आज हम इस वीडियो में जानेंगे गर्भावस्था में उल्टी क्यों होती है ,इसके कारण क्या है ,इसका ट्रीटमेंट कौन सा है ।
घरेलू और मेडिकल इलाज दोनो बताएंगे। वीडियो को अंत तक अवश्य देखिएगा। आइए हम सब मिलकर हेल्थी प्रेगनेंसी की तरफ कदम बढ़ाते हैं।
गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीनों में लगभग 70 से 80% महिलाओं को मतली और उल्टी की शिकायत होती है जिसे मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। इसका नाम जरूर मॉर्निंग सिकनेस है लेकिन ये २४ घंटे में किसी भी समय हो सकती है ।
इसके कारण कौन-कौन से हैं -
(1) एचसीजी हार्मोन की वृद्धि। प्रेगनेंसी में शरीर में एचसीजी नामक एक हार्मोन का उत्पादन होता है। जो भ्रूण की वृद्धि की हमारे जो एम्ब्रियो है उसकी वृद्धि के लिए ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन ये मिथली को भी प्रमोट करता है।
(2) एस्ट्रोजन हार्मोन। प्रेगनेंसी में यह भी बढ़ता है और कभी-कभी तो उल्टियों को काफी बढ़ा देता है। सेहत के चौपाल के नए अंक में आपका एक बार फिर स्वागत है। आज हम बात करेंगे एक ऐसे टॉपिक पर जिस बहुत प्राय हल्कीफुल्की बातें होती हैं। उसे गंभीरता नहीं लिया जाता है। और वो टॉपिक है गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में गुमटिंग की शिकायत, उल्टी की शिकायत। प्राय सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भ की पहली तिमाही में उल्टियां जी मालिश की प्रॉब्लम रहती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन ये सामान्य प्रक्रिया कब खतरनाक बन सकती है? ये जानना जरूरी है। आज हम इस वीडियो में जानेंगे गर्भावस्था में उल्टी क्यों होती है? इसके कारण क्या है? इसका ट्रीटमेंट कौन सा है? घरेलू और मेडिकल इलाज दोनों को बताएंगे। वीडियो को अंत तक अवश्य देखिएगा। आइए हम सब मिलकर हेल्थी प्रेगनेंसी की तरफ कदम बढ़ाते हैं। सबसे पहले उल्टी क्यों होती है? गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीनों में लगभग 70 से 80% महिलाओं को मिथली और उल्टी की शिकायत होती है। जिसे मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। इसका नाम जरूर मॉर्निंग सिकनेस है। लेकिन ये दिन के किसी भी समय हो सकती है। इस बात ध्यान रखिए। नाम से नाम से मत जाइए आप कि मॉर्निंग सिकनेस मॉर्निंग में ही होगी। यह दिन में किसी सुबह हो सकती है। इसके कारण कौन-कौन से हैं? नंबर वन एचसीजी हार्मोन की वृद्धि। प्रेगनेंसी में शरीर में एचसीजी नामक एक हार्मोन का उत्पादन होता है। जो भ्रूण की वृद्धि की हमारे जो एम्ब्रियो है उसकी वृद्धि के लिए ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन ये मिथली या बम को भी प्रमोट करता है। सेकंड है एस्ट्रोजन हार्मोन। प्रेगनेंसी में यह भी बढ़ता है और कभी-कभी तो उल्टियों को काफी बढ़ा देता है।
(3) कुछ महिलाएं गंध के प्रति स्मेल के प्रति काफी ज्यादा सेंसिटिव होती है। कुछ सुगंध जैसे मसालों खुशबू धूप यहां तक कि खाने की गंध से भी उन्हें वोमिटिंग होती है। (4) पाचन तंत्र की गति का कम होना। हार्मोनल चेंज के कारण पेट की कार्य क्षमता भी धीमी हो जाती है। खाना ठीक से डाइजेस्ट नहीं हो। इस कारण की शिकायत रहती है। (5) तनाव और थकावट। मानसिक तनाव और थकान भी उल्टी बढ़ा देता है ।कुछ महिलाओं को वोमिटिंग या उल्टी इतनी ज्यादा होती है कि ठीक से कुछ खा पी भी नहीं सकती। ऐसी स्थिति को हाइपरमसिस ग्रेविड रूम कहते हैं। और इसके लक्षण दिन में तीन चार बार से ज्यादा बार उल्टी का होना, वजन की कमी होना, डिहाइड्रेशन जिसमें पेशाब का आना, स्किन सूखी होना, चक्कर आना, कमजोरी और सुस्ती । ये कभी-कभी एक मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर द्वारा जो मेडिसिन आपको बताई गई है, उसका सेवन करें। इसमें तीन-चार दिन का समय लग सकता है। अपनी बात को अपने डॉक्टर को बार-बार अवश्य बताएं। अब आइए जानते हैं कि सामान्य मिथली को कैसे कंट्रोल करें?
सामान्य मिथली कंट्रोल करने के कुछ घरेलू उपाय हैं। बहुत कारगर होते हैं। वही मैं आपको सबसे पहले बता रहा हूं। सुबह उठते ही कुछ सूखा खाना खाएं। जैसे बिस्किट या टोस्ट। दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाएं। खाली पेट ना रहें। अदरक वाली चाय पिए। चाहे तो अदरक का टुकड़ा मुंह में रख के चूसे। उससे काफी फायदा होता है। नींबू का पानी पिए। नींबू सूंघना भी राहत सूंघ अगर नींबू को सूंघ तो उससे भी राहत मिलती है। पुदीना तुलसी का सेवन भी उपयोगी हो सकता है। साथ-साथ तेज गंध वाले स्थानों से बचें। मसालों से बचें। तैली और मसालेदार भोजन से परहेज करें। घरेलू उपाय तो हमने बता दिया।
अब कुछ मेडिकल इलाज अगर घरेलू इलाजों से राहत नहीं मिलती है तो डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर कुछ दवाइयां दे सकते हैं जो प्रेगनेंसी में पूरी तरह सेफ मानी जा सकती जैसे विटामिन बी6 या परडॉक्सिन कहते हैं। दिन में दो-तीन बार लिया जाना बहुत सुरक्षित है। सेकंड है डॉक्सिलामीन प्लस परडॉक्सिन। इन दोनों कॉम्बिनेशन दिया जाता है। ये सबसे सस्ता और सबसे ज्यादा प्रिस्राइब किया जाने वाला कॉम्बिनेशन। थर्ड है ओडास्ट्रॉन। यह थोड़ी गंभीर मितली के लिए दिया जाता है। कुछ मामलों में इसके उपयोग पर चर्चा होती है। कैंसर वगैरह में उल्टी होती है तो यही दवा दी जाती है। इसलिए इसमें डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
यदि डिहाइड्रेशन हो गया है तो अस्पताल में भर्ती हो के आईबी फ्लूइड चढ़वा लें और नमक और चीनी का घोल अवश्य पिए। गर्भावस्था में मिथली उल्टी एक आम बात है। लेकिन अगर यह ज्यादा हो रही तो इसे प्लीज नजरअंदाज ना करें। सही खानपान, घरेलू उपाय और जरूरत हो तो डॉक्टर की सलाह से दवाएं लेकर के इसका लगातार इलाज करें। इसे कंट्रोल करें। वीडियो पसंद आया हो तो लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करना ना भूलें। स्वस्थ मां, स्वस्थ बच्चा यही है हमारा उद्देश्य। धन्यवाद।

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