अमरसिंह राठौड़ का खेल_Amar Singh Rathore ka khel bhag 9_dovad Gav_marwadi khel comedy

Описание к видео अमरसिंह राठौड़ का खेल_Amar Singh Rathore ka khel bhag 9_dovad Gav_marwadi khel comedy

अमरसिंह राठौड़ का खेल_Amar Singh Rathore ka khel bhag 2_dovad Gav_marwadi khel comedy
#अमरसिंहराठौड़ का खेल
#amarsingh
#Rathore_ka_khel bhag 2
dovad Gav
#marwadi khel
#divyakardharstudio
comedy
राजा गज सिंह मुगल शासक शाहजहां के अधीन मारवाड़ क्षेत्र के शासक थे । उनके पुत्र अमरसिंह राठौड़ एक महान योद्धा और एक देशभक्त थे, लेकिन उनके पिता ने उन्हें मुगलों से एक डाकू को बचाने के कारण राज्य से निर्वासित कर दिया था। बाद में वह शाहजहां की दिल्ली सल्तनत में शामिल हो गए, जहाँ उन्होंने शाहजहां को अपनी वीरता से प्रभावित किया, जिससे उन्हें नागौर का जागीरदार बनाया गया । हालांकि सम्राट के भाई सलाबत खान, राज्य में अमर सिंह राठौड़ के उत्थान से जलते थे और अमर सिंह को बदनाम करने का अवसर की प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्हें जल्द ही यह मौक़ा मिल गया, जब अमर सिंह की अनधिकृत अनुपस्थिति के बारे में कुछ छोटी-छोटी बातों के बारे में पता चला । सलाबत खान ने एक मुद्दे के रूप में इसे इतना बढ़ा दिया कि शाहजहां ने सलाबत को अमर सिंह को दंड देने का आदेश दिया । इसका फायदा उठाते हुए, सलाबत ने अमर सिंह को धमका कर उसी वक्त दंड का भुगतान करने को कहा। सलाबत ने यह भी चेतावनी दी कि वह अमर सिंह को बिना दंड का भुगतान किये उन्हें जाने नहीं देगा । अमर सिंह ने अपनी तलवार बाहर निकाली और सलाबत को मौके पर मौत के घाट उतार दिया । सम्राट शाहजहां भी इस घटना से अचंभित हो गए और अमर सिंह को मारने के लिए अपने सैनिकों को आदेश दिया। हालांकि, बहादुर अमर ने अपना युद्ध कौशल दिखाया और उन सभी को मार डाला, जिन्होंने उनपर आक्रमण किया था। और अपने घोड़े पर सवार होकर किले से घोड़े सहीत छलांग लगा दी और किले से बाहर निकल कर सुरक्षित स्थान पर लौट गए।

अगले दिन अदालत में सम्राट ने घोषणा की कि अमर सिंह को मारने वाले को जागीरदार बना दिया जाएगा, हालांकि कोई भी अमर सिंह राठौर के साथ दुश्मनी मोल लेने के लिए तैयार नहीं था, क्योंकि उन्हें सिर्फ एक दिन पहले ही अमर सिंह क्रोध का सामना करना पड़ा था । अर्जुन सिंह जो अमर सिंह के साले थे, ने लालच में आकर इस चुनौती को स्वीकार कर लिया। अर्जुनसिंह ने अमरसिंह से कहा कि शाहजहां को अपनी गलती का एहसास हो गया है, और वह अमर सिंह जैसा योद्धा नहीं खोना चाहता । हालांकि अमर सिंह को शुरुआत में इस बात पर विश्वास नहीं था, परन्तु जल्द ही वे अर्जुनसिंह के विश्वासघात की कला के झांसे में आ गए।

इस बीच, शाहजहां की अदालत के सामने एक छोटा दरवाजा खड़ा किया गया था, जिससे अमर सिंह को अदालत में प्रवेश करने के लिए उसके सामने झुकना पड़े । पहले अमर के कृत्यों को और अदालत में कार्यवाही देखकर, एक उत्सुक फकीर ने सम्राट से पूछा, "हम इतने सारे योद्धाओं वाले हिंदुस्तान को कैसे जीत सकते हैं" शाहजहां ने कहा, "रुको और देखो कि हम कैसे करते हैं"। अमर सम्राट के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं था और अर्जुनसिंह ने ये जान लिया। उसने अमर सिंह को पहले प्रवेश करने कहा। अमर ने उसकी सलाह मान ली, अर्जुनसिंह दूसरी तरफ से आया और अमर सिंह की छाती में खंजर घोंप दिया,अमर सिंह वही पर वीरगति को प्राप्त हुए। तो अर्जुनसिंह ने उनका सर काटा और सम्राट के पास ले गया । राजा ने फकीर की ओर इशारा किया और कहा "अब तुम्हें पता हो गया कि हमने योद्धाओं से कैसे छुटकारा पा लिया"। बाद में शाहजहां ने अर्जुनसिंह को भी मार दिया ।

अमर सिंह की मृत्यु की सूचना पर, उनकी पत्नी, बल्लू जी चंपावत और राम सिंह के नेतृत्व में राजपूत सैनिकों ने किले पर हमला किया, जहां अमर सिंह का मृत शरीर पड़ा था । हालांकि हजारों मुगल सैनिकों ने राजपूत बलों को घेर लिया, बहादुर राजपूत बलों ने उनका सामना किया, जब तक कि अमर सिंह के शरीर को किले से दूर नहीं ले जाया गया। यद्यपि उन सभी राजपूत लड़ाकों ने अपना जीवन मृत्यु को समर्पित कर दिया, लेकिन वे कभी भी मुगल सल्तनत के सामने झुके नहीं । बाद में, किले का वह संकीर्ण दरवाजा आम तौर पर "अमर सिंह दरवाजा" के रूप में जाना जाने लगा, क्योंकि यह मुस्लिम सेना के समक्ष राजपूत बहादुरी का प्रतीक था। कुछ इतिहासकारों का दावा है कि शाहजहां ने स्थायी रूप से दरवाजा बंद करने का आदेश दिया, क्योंकि वह उसे राजपूत बलों के हाथों से उनकी हार की याद दिलाता था। नागौर जिले में अमरसिंह राठौड़ की 16 खंबो की छतरी है। अमरसिंह राठौड़ को "कटार का धनी" कहा जाता है। लोक कथा में उन राजपूत लड़ाकों की प्रशंसा में एक हृदयस्पर्शी गायन शैली विकसित हुई, जो स्वाभिमान के लिए लड़े और गर्व से मरे । आज आगरा के किले में आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य द्वार अमर सिंह द्वार ही है ।

Комментарии

Информация по комментариям в разработке