चिदाकाश गीता - भाग ०३ - चित शुन्य का रहस्य Chidakash Geeta - Part 03 - The Secret of Chit Shunya

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चित शुन्य का रहस्य

गणेशपुरी के अवधूत भगवान नित्यांनद जी की अमृत वाणी चिदाकाश गीता के प्रथम सूत्र के पहले वाक्य "योगी चित शुन्य होता है" पर पूज्य गुरुमाँ प्रणाली जी की सुन्दर विवेचना कर एक साधक के लिए विशेष सूत्र दिये है। गुरुमाँ द्वारा प्रदत सूत्र सुन्दर साधना हेतु बहुत ही सुन्दर मार्गदर्शन देते हुए "चित शून्य के रहस्य" के विषय पर विस्तार से समझाया।

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