इस वीडियो में, हम कक्षा 6 विज्ञान (SCIENCE) के अध्याय 5 "पदार्थों का पृथक्करण" (SEPARATION OF SUBSTANCES) का विस्तृत अध्ययन करेंगे। हम सीखते हैं कि किसी पदार्थ का उपयोग करने से पहले, हमें मिश्रण से हानिकारक या गैर-उपयोगी पदार्थों को अलग करने की आवश्यकता होती है। कभी-कभी, यदि हमें घटकों का अलग से उपयोग करना हो, तो हम उपयोगी घटकों को भी अलग करते हैं।
पृथक्करण के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्रियां अलग-अलग आकार की हो सकती हैं, और वे पदार्थ की किसी भी तीन अवस्थाओं (ठोस, तरल या गैस) में हो सकती हैं।
मुख्य पृथक्करण विधियाँ (Methods of Separation):
1. हस्त चयन (Handpicking): इस विधि का उपयोग चावल, दालों या अनाजों से थोड़ी बड़ी अशुद्धियों, जैसे गंदगी के टुकड़ों, पत्थर या भूसी को अलग करने के लिए किया जाता है। यह तब सुविधाजनक होता है जब अशुद्धियों की मात्रा बहुत अधिक नहीं होती है।
2. थ्रेशिंग (Threshing): यह वह प्रक्रिया है जिसका उपयोग डंठलों (stalks) से अनाज को अलग करने के लिए किया जाता है। इसमें अनाज के बीजों को मुक्त करने के लिए डंठलों को पीटा जाता है। बड़े पैमाने पर अनाज को थ्रेश करने के लिए मशीनों का उपयोग किया जाता है।
3. निष्पावन (Winnowing): इस विधि का उपयोग हवा या हवा के झोंके द्वारा मिश्रण के भारी और हल्के घटकों को अलग करने के लिए किया जाता है। किसान अनाज के भारी बीजों से हल्की भूसी के कणों को अलग करने के लिए इसका उपयोग करते हैं।
4. चालन (Sieving): चालन (sieving) का उपयोग तब किया जाता है जब मिश्रण के घटकों का आकार अलग-अलग होता है। महीन कण छलनी (sieve) के छिद्रों से गुजर जाते हैं, जबकि बड़ी अशुद्धियाँ उस पर ही रह जाती हैं। इसका उपयोग आटा मिलों में या निर्माण स्थलों पर कंकड़ और पत्थरों को रेत से अलग करने के लिए किया जाता है।
5. अवसादन और निस्तारण (Sedimentation and Decantation): जब किसी मिश्रण में पानी मिलाने के बाद भारी घटक नीचे बैठ जाता है, तो इस प्रक्रिया को अवसादन (sedimentation) कहते हैं। जब पानी (अशुद्धियों के साथ) हटा दिया जाता है, तो इस प्रक्रिया को निस्तारण (decantation) कहा जाता है। यह उन दो तरल पदार्थों को अलग करने के लिए भी उपयोग किया जाता है जो आपस में नहीं मिलते हैं, जैसे तेल और पानी।
6. निस्यंदन (Filtration): यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग एक तरल पदार्थ से अघुलनशील ठोस को अलग करने के लिए किया जाता है, जैसे चाय की पत्तियों को हटाने के लिए छलनी का उपयोग करना। पनीर बनाने की प्रक्रिया में भी यह विधि उपयोग की जाती है।
7. वाष्पन (Evaporation): यह वह प्रक्रिया है जिसमें एक तरल अपने वाष्प (vapour) में परिवर्तित हो जाता है। वाष्पीकरण का उपयोग किसी तरल में घुले हुए ठोस को अलग करने के लिए किया जाता है, जैसे समुद्री जल से नमक प्राप्त करना।
8. संघनन (Condensation): यह पानी के वाष्प को उसके तरल रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है।
समाधान (Solution) से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:
एक संतृप्त विलयन (Saturated Solution) वह होता है जिसमें उस पदार्थ की और अधिक मात्रा को घोला नहीं जा सकता है।
गर्म करने पर किसी विलयन में अधिक पदार्थ घोला जा सकता है।
पानी अपने में अलग-अलग घुलनशील पदार्थों को अलग-अलग मात्रा में घोलता है।
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