कलाकार जिन्होंने Miniature Paintings को रखा ज़िंदा | How Luqman Sir helped build Brand Kota|

Описание к видео कलाकार जिन्होंने Miniature Paintings को रखा ज़िंदा | How Luqman Sir helped build Brand Kota|

आपने नोटिस किया होगा सेकंड सीजन में अब तक सिर्फ कोटा के commercial brands ही दिखाई दिए हैं. पर इस बार थोड़ा change है. जो कोटा अपनी कोचिंग, कड़के, कोटा स्टोन और कोटा डोरिया के लिए जाना जाता है, उसी कोटा की पहचान हमारे यहाँ की miniature paintings भी हैं.

महलों में, मंदिरों की दीवारों पर ये बारीक काम वाली paintings बनाना कतई आसान नहीं है. मेहनत लगती है. तपस्या करनी पड़ती है, तब जाकर आप कलाकार बन पाते हैं.

दुःख की बात ये है कि ये paintings न ज़्यादातर लोग पहचान सकते हैं न ही इनका मार्किट हमारे यहाँ बहुत बड़ा है. हालात ये हैं कि जो painting बनाने में इतनी मेहनत करता है, उसके लिए यही पेंटिंग बेचना बहुत टेढ़ी खीर है.

वैसे कला बिकाऊ नहीं होती, पर कला को कद्रदान न मिले, तो वो भी मर जाती है. सोचिये, आपकी दिन रात एक करके बनायी गयी painting से आपके शहर को ही कोई मतलब नहीं. खैर, मुझे ज़्यादा नहीं पता बस इतना ज़रूर लगता है कि कोटा वाले अपने कलाकारों को इज़्ज़त दें तो इस धरती का भी सम्मान होगा.

ये एपिसोड लुक़मान सर के नाम जिन्होंने ज़िन्दगी सिर्फ कला को बेहतर करने में गुज़ार दी. वो कहते हैं, मुझे इसका शौक नहीं था. मेरी माँ नहीं चाहती थी कि मैं ये करुँ - क्योंकि मेरे पिताजी का जो टाइम निकला होगा वो परेशानी में निकला होगा...

बाकी, आप सुनिए और बताइये कैसा लगा, हो सके तो सब्सक्राइब भी कीजिये

Комментарии

Информация по комментариям в разработке