Bhagnol भगनौल - उत्तराखण्ड के सौंदर्य गीत।

Описание к видео Bhagnol भगनौल - उत्तराखण्ड के सौंदर्य गीत।

भगनौल (Bhagnol) - उक्तिपरक सौन्दर्य गीत 'भगनौल' कहे जाते हैं । इन गीतों के साथ प्राय: नृत्य नहीं होता परन्तु 'भगनौले' खड़े होकर किसी आलंबन को इंगित कर गाये जाते हैं या संकेत कर गाये जाते हैं । ऐसी भाव दशा में एक प्रकार का भाव प्रधान नृत्य होने लगता है ।

पुरुष गायक का साथी, जिसे 'होवार' कहते हैं, वह नायक के स्वरों को विस्तार देता है । संकेत या इंगित किये गये व्यक्ति की यदि वहाँ पर उपस्थिति रहती है तो वह भी प्रत्युत्तर में 'भगनौल' गाता है ।

'भगनौल' में प्रयुक्त होने वाली उक्तियाँ गायकों की अपनी विरासत होती हैं । गायक की कुशलता इसी में देखी जाती है कि वह अपने द्वारा प्रयुक्त उक्तियों को किस प्रकार चुटीली पंक्तियों में जोड़ता है। उन पंक्तियों को जोड़ कहा जाता है । 'भगनौल' का पूर्व आकार या कोई निश्चित स्वरुप नहीं होता । यह गायक की अपनी विशिष्ट सूझ-बूझ, वाक्-चातुर्य और यादद्श्त पर निर्भर करता है कि वह कैसा चुटीला 'भगनौल' कह सकता है।

स्थान - पिथौरागढ़ के डीडीहाट में हुए नंदा देवी महोत्सव के दौरान गाये मधुर भगनौल की वीडियो।

उत्तराखंड के लोक गीतों के बारे में विस्तृत में पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएँ - http://ignca.nic.in/coilnet/utrn0036.htm
Video Credit - fb Page Chandani Enterprises




Disclaimer -
Video is for entertainment purpose only. Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favour of fair use.

Комментарии

Информация по комментариям в разработке