राजस्थान में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह मेला हर साल लगता है।

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राजस्थान में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह मेला हर साल लगता है। सीताबाड़ी का वार्षिक मेला बारां जिले की शाहबाद तहसील के केलवाड़ा गांव के पास सीताबाड़ी नामक स्थान पर आयोजित किया जाता है। इस स्थान पर यह 15 दिवसीय विशाल मेला ज्येष्ठ महीने की अमावस्या (बड़ पूजनी अमावस) के आसपास भरता है। ... मेले के समय हजारों की संख्या में यात्रियों के यहाँ आने के कारण बसों की संख्या वृद्धि की जाती है।
सीताबाड़ी मंदिर को लेकर पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वो स्थल है जहां श्री राम की पत्नी देवी सीता ने अपने पुत्रों यानी लव तथा कुश को जन्म दिया था। श्री राम द्वारा उनका त्याग करने के बाद देवी सीता अपने दोनों पुत्रों के साथ यहीं वास करती थीं। सीताजी को उनके देवर लक्ष्मण जी ने उनके निर्वासन की अवधि में सेवा के लिए इसी स्थान पर जंगल में वाल्मीकि ऋषि के आश्रम में छोड़ा था। एक किंवदंती है कि जब सीताजी को प्यास लगी, तो सीताजी के लिए पानी लाने के लिए लक्ष्मणजी ने इस स्थान पर धरती में एक तीर मार कर जलधारा उत्पन्न की थी, जिसे लक्ष्मण बभुका कहा जाता है। इस जलधारा से निर्मित कुंड को लक्ष्मण कुंड कहा जाता है। लव-कुश का जन्म स्थान होने के कारण सीताबाड़ी को लव-कुश नगरी भी कहा जाता है।

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