Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть लक्ष्मी को स्थिर करने अचल लक्ष्मी प्राप्ति का उपाय Laxmi sthir karane ka saral upay

  • Dr. Rampriy Pandey ज्योतिष विज्ञान
  • 2022-02-23
  • 412
लक्ष्मी को स्थिर करने अचल लक्ष्मी प्राप्ति का उपाय Laxmi sthir karane ka saral upay
jyotishamjyotishlaxmilaxmitantralakshmi ko ghar mein kaise bhulayelakshmi ghar aayilakshmi ghar mein kaise rukeghar me sukh shanti ke upayghar me laxmi ko kaise rokelakxmi rokane ke upaylakxmi ko sthir karane ke upay
  • ok logo

Скачать लक्ष्मी को स्थिर करने अचल लक्ष्मी प्राप्ति का उपाय Laxmi sthir karane ka saral upay бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно लक्ष्मी को स्थिर करने अचल लक्ष्मी प्राप्ति का उपाय Laxmi sthir karane ka saral upay или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку लक्ष्मी को स्थिर करने अचल लक्ष्मी प्राप्ति का उपाय Laxmi sthir karane ka saral upay бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео लक्ष्मी को स्थिर करने अचल लक्ष्मी प्राप्ति का उपाय Laxmi sthir karane ka saral upay

Laxmi sthir karane ka saral upay
लक्ष्मी को स्थिर करने अचला लक्ष्मी प्राप्ति का उपाय। इस उपाय को कर लेने से लक्ष्मी घर में आएगी जरूर परन्तु जाएगी कभी नहीं। इस प्रयोग को सुख और समृद्धि लिए प्रयोग किया जाता है।

इसे सबसे पहले होलिका जलने वाली रात को सिद्ध कर ले, दूसरे दिन लक्ष्मी जयन्ती पर इसका प्रयोग करे।

दिन रात अथक परिश्रम करने पर भी जब घर में धन की कमी बानी रहे, बहुत प्रयास करने पर भी रुपयों की आमदनी नहीं होती, धन आये भी तो घर में बचे ही न, कितना भी धन आये तो घर में बरक्कत ही न हो, कुछ बचे ही न, तो यह जान लेना चाहिए की लक्ष्मी की कृपा नही है। जिससे घर में किसी प्रकार का सुख ही न हो, सभी साधन रहते हुए भी सुख की अनुभूति नहीं होती है। तथा जब दुर्भाग्य घेर ले, किसी भी प्रकार का कोई उपाय काम न करे, किसी भी प्रकार का काम सफल न हो, किसी भी प्रकार का उद्योग सफल न हो, धन की हमेशा कमी बनी रहे, कितना भी कमाई करे, कितनी भी अच्छी नौकरी करता हो, कितना भी उद्योग व्यापार बड़ा हो, कितना भी धन कमाता हो, लेकिन धन का अभाव हमेशा बना रहे, स्त्री पुरुष में तथा घर में रहने वालों में आपसी कलह होता रहे, आपसी वैमनस्यता बनी रहे, लड़कों का पढ़ने में मन न लगे, बच्चों का अनुकूल कार्य में कोई प्रवृत्ति न बने, अधर्म, कुमार्ग के चक्कर में पड़ जाय।

होलिका में आग लगाने के बाद घर में स्नान करके शुद्ध आरामदायक वस्त्र पहनकर, शुद्ध धुले हुए ऊनी आसान पर बैठ कर अपने सामने एक छोटी चौकी रखे और उसपर एक कपड़ा बिछाये तथा उसपर लाल रंग से रंगे हुए चावल से अष्टदल बनाये तथा उस अष्टदल के मध्य गोले में एक दीपक स्थापित करे। दीपक में शुद्ध रुई से फूल बत्ती बनाकर लगाए, रुई सुखी होनी चाहिए, उसमे पानी इत्यादि न लगा हुआ हो। दीपक में देसी गाय के घी का प्रयोग करे। दीपक रातभर जलते रहना चाहिये। दीपक का पूजन करके उसके सामने बैठ कर जप करे।

दीप प्रार्थना करे—हाथ जोड़ कर मन्त्र पाठ करते हुए दीपक से प्रार्थना करे।
भो दीप! देव रूपस्त्वं कर्मसाक्षी अविघ्न कृत।
यावत्कर्म समाप्तिः स्यात्तावत्वं सुस्थिरो भव।।

स्वस्ति तिलक--मन्त्र का पाठ करते हुए कुंकुम अथवा रोली से अपने ललाटपर तिलक लगाए।
स्वस्तिस्तु या विनाशाख्या पुण्य कल्याण हेतवे।
विनायकं प्रियानित्यं त्वां च स्वस्तिं व्रूवन्तुनः।।

तिलक लगाने के बाद पञ्चगव्य पिए।

पञ्चगव्य बनाने की विधि हमारे दूसरे वीडियो में बताया और दिखाया गया है जिसे देख कर समझ कर बताये हुए विधि से बना ले।

पञ्चगव्य प्राशन--मन्त्र का पाठ करते हुए दूध, दही, धी, गोमूत्र, गोबर से बनाये गए पञ्चगव्य को पिए।
यत्त्वगस्थि गतं पापं देहेतिष्ठति मामकीम्।
प्राशनात्पञ्चगव्यस्य पिबेत्यग्निरिवेन्धनम्।।

आचमन-- शुद्ध जल से तीनबार आचमन करे जैसे केशवाय नमः एक बार जल पीये, नारायणाय नमः बोल कर दूसरी बार जल पीये, माधवाय नमः बोलकर तीसरीबार जल पिए तथा गोविन्दाय नमः बोलकर हाथ धो ले।

पवित्रीकरण--भगवान विष्णु का नाम लेकर अपने ऊपर जल छिड़के।
अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
यः स्मरेत्पुण्डरीकाक्षं स वाह्याभ्यन्तरः शुचिः।।

शिखाबन्धन--मन्त्र का पाठ करते हुए शिखा को बांधें।
ऊर्ध्व केशी विरुपाक्षी मां सशोणित भोजने।
तिष्ठदेवि शिखामध्ये चामुण्डे चापराजिते।।

स्वस्तिवाचन--मन्त्र का पाठ करते हुए कल्याणकारी श्लोकों को पढ़े।
वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु में देव सर्व कार्येषु सर्वदा।।
विनायकं गुरुं भानुं ब्रह्म विष्णु महेश्वरम्।
सरस्वतीं प्रणम्यादौ सर्व कामार्थ सिद्धये।।

गुरु स्मरण--हाथ जोड़ कर गुरु गोरक्षनाथ जी का ध्यान करे।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।।

सङ्कल्प--हाँथ में जल लेकर स्थान, समय, कर्म, विषय और कामना का उच्चारण पूर्वक सङ्कल्प करे। यदि पूरा संकल्प न बोल सके तो निचे लिखा ही बोल ले।
ॐ अद्य (अपना नाम उच्चारित कर) अक्षयलक्ष्मी प्राप्तये अक्षयलक्ष्मी मन्त्र जपं करिष्ये।

विनियोग--मन्त्र जपने के लिए विनियोग करे।
ॐ अस्य अक्षयलक्ष्मी मन्त्रस्य ब्रह्मविष्णुमहेश्वराः ऋषयः, अनुष्टुप्छन्दः अक्षयलक्ष्मीदेवताः अक्षयलक्ष्मी प्रीतये अक्षयलक्ष्मी मन्त्र जपे विनियोगः।

माला प्रार्थना-
ॐ मां माले महामाये सर्वशक्ति स्वरूपिणी।
चतुर्वर्गस्त्वयि न्यस्तस्मान्मे सिद्धिदाभव।।

ध्यान--हाँथ में पुष्प लेकर महालक्ष्मी के स्वरुप का ध्यान करे।

मन्त्र जप--अभिष्ट मन्त्र का १० माला जप करे।
मन्त्र— ॐ श्री ह्रीं क्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।

मन्त्र जप पूरा हो जाने के बाद माला को सर पर रख कर प्रार्थना कर चौकी पर रखे।

जप समर्पणम्--
गुह्यातिगुह्यगोप्त्री त्वं गृहाणास्मद कृतं जपम्।
सिद्धिर्भवतु में देवि त्वत्प्रसादान्महेश्वरि।।

प्रार्थना--
अपराध सहस्त्राणि क्रियन्ते अहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि।।
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि।।
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि।
यत्पूजितं मया देव परिपूर्णं तदस्तु मे।।
अपराधशतं कृत्वा परमेश्वरेति चोच्चरेत्।
यां गतिं समवाप्नोति न तां ब्रह्मदयः सुराः।।
सापराधोस्मि शरणं प्राप्तस्त्वां परमेश्वरि।
इदानीमनुकंपोयं यथेच्छसि तथा कुरु।।
अज्ञानाद्विस्मृतेर्भ्रान्त्या यन्यूनमधिकं कृतम्।
तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि।।
कामेश्वर जगद्बंधुः सच्चिदानन्दविग्रहे।
गृहाणार्चामिमां प्रीत्या प्रसीद परमेश्वरि।।

इस मन्त्र को होली अथवा दीवाली की रात को जप करके सिद्ध कर ले, उसके बाद प्रतिदिन रात को १० बजे सोने से पहले एक माला जप जरूर करे, निश्चय ही किसी चीज का कोई आभाव नहीं होगा, घर में सभी प्रसन्न रहेंगे, सुख और शान्ति का वातावरण बना रहेगा।

किसी को भी असुविधा होने पर हमारे दिए हुए नम्बर पर ह्वाट्सएप्प कर सहयोग ले सकते है।

डॉo रामप्रिय पाण्डेय मोo 9935037041

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]