गर्ग संहिता किस प्रकाशन का पढ़े

Описание к видео गर्ग संहिता किस प्रकाशन का पढ़े

इस बुक को मंगाने हेतु इस लिंक पर क्लिक करें
https://amzn.eu/d/iygmSd0
https://amzn.eu/d/05L0AFr
https://www.exoticindiaart.com/book/d...
इनसे सम्पर्क कर सकते हैं
CHAUKHAMBHA PRAKASHAN
Publisher & Distributors of Sanskrit & Ayurveda Books
ARPIT GUPTA
9999824612, 89510 58573
K. 37/116, Gopal Mandir Lane, Varanasi-221001 (India) Tel.: +91-0542-2335929 Email: [email protected]
Chaukhamba Publishing House
Neeraj Gupta 9811133683
4697/2, 21-A, Ansari Road, Darya Ganj, Dayanand Rd, Daryaganj, New Delhi, Delhi 110002


श्रीमद्भागवतका तो यह महाभाष्य ही है। श्रीमद्भागवत में कहीं भी राधारानीका नाम तक नहीं आया है, किन्तु यह ग्रन्थ राधाकृष्णकी दिव्य माधुर्यभावमिश्रित लीलाओं के विशद वर्णनसे ओत-प्रोत है । श्रीमद्भागवत में जो कुछ सूत्ररूपसे कहा गया है, वह गर्गसंहिता में वृत्तिरूपमें वर्णित है । श्रीमद्भागवत में भगवाद कृष्णकी पूर्णताके सम्बन्धमें महर्षि वेदव्यासने 'कृष्णस्तु भगवान्स्वयम्' इतना ही कहा है, किन्तु इस महाग्रन्थके रचयिता गर्गाचार्यने–‘यस्मिन् सर्वाणि तेजांसि विलीयन्ते स्वतेर्नास तं वदन्ति परे साक्षात्परिपूर्णतमं स्वयम् ।” कहकर श्रीकृष्ण में समस्त भागवत - तेजःपुञ्ज के प्रवेशका वर्णन करते हुए श्रीकृष्णकी परिपूर्णतमता- का प्रतिपादन किया है ।

भगवान् श्रीकृष्णकी मधुर लीलाओंकी रचना हुई है दिव्य रसके द्वारा और उस रसका प्रकाश रासमें हुआ है श्रीमद्भागवत में उस रासका पाँच अध्यायोंमें केवल एक बार वर्णन मिलता है, किन्तु गर्गसंहिता के वृन्दावनखण्डमें, अश्वमेधखंड में प्रभासमिलनके समय और इसी खंडके अनिरुद्ध-दिग्विजयके अनन्तर लौटते समय, इस तरह तीन बार कई अध्यायोंमें रास- लीलाका बड़ा सुन्दर वर्णन किया गया है। परम प्रेमस्वरूपा, श्रीकृष्ण से नित्य अभिन्नस्वरूपा एवं महाशक्तिमती श्रीराधारानीके मधुर आकर्षणसे श्री मथुरानाथ तथा द्वारकाधीश श्रीकृष्णने बार-बार गोकुल में पधारकर नित्य रासेश्वरी, नित्य निकुंजेश्वरीके साथ महारासकी दिव्य लीला की है, जिसका इस ग्रन्थम बहुत अच्छा वर्णन है। इसके माधुर्यखण्ड में भिन्न-भिन्न गोपियोंके पूर्वजन्मोंका चमत्कारी वर्णन किया गया है। इनके अतिरिक्त भी बहुतेरी नयी-नयी कथायें कड़ी गयी हैं । यह संहिता भावुक भगवद्भक्तोंके लिए समादरकी वस्तु है क्योंकि इस श्रीमद्भागवतके तत्वोंका स्पष्ट उल्लेख है ।
खण्ड
गर्ग संहिता के निम्नलिखित खण्ड (अध्याय) हैं-
गोलोक खण्ड
वृन्दावन खण्ड
गिरिराज खण्ड
माधुर्य खण्ड
मथुरा खण्ड
द्वारका खण्ड
विश्वजीत खण्ड
बलभद्र खण्ड
विज्ञान खण्ड
अश्वमेध खण्ड
गर्ग संहिता किस प्रकाशन का पढ़े #gargsanhita #bookreview #krishna #gargasamhita #krishnleela

Комментарии

Информация по комментариям в разработке