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Скачать или смотреть हिंदू धर्म के छः शास्त्र!/वेद और पुराणों के नाम तो सभी जानते है,लेकिन ये छः शास्त्र कौन से हैं ?

  • HINDU धर्म DECODE
  • 2023-08-04
  • 184
हिंदू धर्म के छः शास्त्र!/वेद और पुराणों के नाम तो सभी जानते है,लेकिन ये छः शास्त्र कौन से हैं ?
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चलिए! आज आपको शास्त्र की कुछ जानकारी से अवगत कराते हैं!हिन्दू धर्म में कुल छह शास्त्र हैं। जिन्हें षडदर्शन यानी छह दर्शन के नाम से भी पुकारा जाता है – हिंदू धर्म के छह शास्त्रों के नाम हैं–
न्याय शास्त्र,
योग शास्त्र,
सांख्य शास्त्र,
वैशेषिक शास्त्र,
वेदांत शास्त्र, और
मीमांसा शास्त्र,
न्याय शास्त्र महर्षि गौतम द्वारा रचित शास्त्र है। गौतम ऋषि ने इस शास्त्र में पदार्थों के तत्वज्ञान से मोक्ष प्राप्त करने का वर्णन किया है।
महर्षि पतंजलि द्वारा रचित योग शास्त्र में परमात्मा, प्रकृति और जीवात्मा का सम्पूर्ण वर्णन किया गया है। सांख्य शास्त्र
महर्षि कपिल द्वारा रचित इस सांख्य शास्त्र का मुख्य सिद्धान्त सत्कार्यवाद है। सांख्य शास्त्र में प्रकृति से इस सृष्टि की रचना और संहार के क्रम का विशेष रूप से वर्णन किया गया है।
महर्षि कणाद द्वारा रचित वैशेषिक शास्त्र में धर्म का, सत्यपरायण रूप से वर्णन किया है।वैशेषिक शास्त्र के अनुसार मानव कल्याण के लिए धर्म का आचरण करना बहुत ही जरुरी माना गया है।
वहीं,महर्षि व्यास द्वारा वेदांत शास्त्र की रचना हुई है। वेदान्त शास्त्र के अनुसार ब्रह्म सृष्टि का कर्ता-धर्ता और संहार कर्ता हे। वेदान्त शास्त्र में कहा है कि `अथातो ब्रह्म जिज्ञासा´अर्थात जिसे ज्ञान प्राप्त करने की अभिलाषा है,वह ब्रह्म से अलग है,नहीं तो स्वयं को जानने की अभिलाषा कैसे होती है।
मीमांसा शास्त्र ,जैमिनि ऋषि द्वारा रचित है,मीमांसा शास्त्र में वैदिक यज्ञ में मंत्रों का विभाग और यज्ञ की प्रक्रियाओं वर्णन है। महर्षि जैमिनि ने धर्म के लिए वेद को भी मुख्य प्रमाण माना है।

हमारे ऋषियों ने वेद और उपनिषद का अध्ययन करके ही छः शाश्त्रों का निर्माण किया है। वेदो को ही आधार मानकर कई ऋषियों ने इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि तैयार की। सर्वप्रथम अध्यात्म के रहस्यों को जाना और उसके अनुरूप ही अन्य छः शास्त्र ग्रन्थों की रचना की है।

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