रामकथा ramkatha shriji ki krapa

Описание к видео रामकथा ramkatha shriji ki krapa

#shriji #भक्ति #ramkatha #bhakti जानि प्रिया आदरु अति कीन्हा। बाम भाग आसनु हर दीन्हा॥बैठीं सिव समीप हरषाई। पूरुब जन्म कथा चित आई॥भावार्थ:-अपनी प्यारी पत्नी जानकार शिवजी ने उनका बहुत आदर-सत्कार किया और अपनी बायीं ओर बैठने के लिए आसन दिया। पार्वतीजी प्रसन्न होकर शिवजी के पास बैठ गईं। उन्हें पिछले जन्म की कथा स्मरण हो आई॥*पति हियँ हेतु अधिक अनुमानी। बिहसि उमा बोलीं प्रिय बानी॥कथा जो सकल लोक हितकारी। सोइ पूछन चह सैल कुमारी॥भावार्थ:-स्वामी के हृदय में (अपने ऊपर पहले की अपेक्षा) अधिक प्रेम समझकर पार्वतीजी हँसकर प्रिय वचन बोलीं। (याज्ञवल्क्यजी कहते हैं कि)

Комментарии

Информация по комментариям в разработке