{muzaffarpur litchi} मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध शाही लीची को नई पहचान मिली है।

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मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध शाही लीची को नई पहचान मिली है। अब देश-दुनिया में शाही लीची की बिक्री जीआई टैग के साथ होगी।

✍️अरविंद अकेला मुजफ्फरपुर

बौद्धिक सम्पदा कानून की तहत शाही लीची को जीआई टैग मिला है। ढाई सालों की जांच-पड़ताल में संतुष्ट होने के बाद शाही लीची को भौगोलिक उपदर्शन रजिस्ट्री ने टैग दिया है।

शाही लीची का जीआई नंबर 552 होगा।राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ शेषधर पाण्डेय ने बताया कि जीआई टैग मिलने से शाही लीची की बिक्री में नकल या गड़बड़ी की आशंकाएं काफी कम हो जाएंगी। मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली और पूर्वी चंपारण के किसान ही शाही लीची के उत्पादन का दावा कर सकेंगे। ग्राहक भी ठगे जाने से बच सकेंगे।साथ ही शाही लीची को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए लीची अनुसंधान केंद्र में स्थित लीची प्रसंस्करण केंद्र को अति शीघ्र चालू कर दिया जाएगा जिससे लीची को 45 से 50 दिनों तक सुरक्षित रखा जाएगा जिससे लॉकडाउन के कारण उत्पन्न बाजार की समस्या को दूर करने में लीची उत्पादक किसानों को बेहद मदद मिलेगी।

बाईट-शेषधर पांडेय, निदेशक, लीची अनुसंधान केंद्र


The GI number of Shahi Lychee will be 552. Director of National Lychee Research Center, Dr. Seshadhar Pandey said that getting the GI tag will reduce the chances of duplication or malfunction in the sale of Shahi Lychee. Only the farmers of Muzaffarpur, Samastipur, Vaishali and East Champaran will be able to claim the production of royal litchi. Customers will also be able to avoid being cheated. In order to protect the royal litchi for more days, the litchi processing center located in the litchi research center will be commissioned very quickly,


shaahee leechee ka jeeaee nambar 552 hoga.raashtreey leechee anusandhaan kendr ke nideshak do sheshadhar paandey ne bataaya ki jeeaee taig milane se shaahee leechee kee bikree mein nakal ya gadabadee kee aashankaen kaaphee kam ho jaengee. mujaphpharapur, samasteepur, vaishaalee aur poorvee champaaran ke kisaan hee shaahee leechee ke utpaadan ka daava kar sakenge. graahak bhee thage jaane se bach sakenge.saath hee shaahee leechee ko adhik dinon tak surakshit rakhane ke lie leechee anusandhaan kendr mein sthit leechee prasanskaran kendr ko ati sheeghr chaaloo kar diya jaega jisase

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