ग्रहों की शुभ अशुभ स्थिति और जातक पर उसका प्रभाव

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अगर कुंडली के बारह भाव में कोई ग्रह अकेला स्थित है ,तो क्या प्रभाव देगा -
01-सूर्यग्रह- किसी भी भाव में अगर सूर्य अकेला ही स्थित है ,तो वह व्यक्ति को धनवान बनाता है, परंतु धन की प्राप्ति अपने ही परिश्रम से होती है ।
02-चंद्र ग्रह -चंद्र अगर 12 भाव में ,किसी भी भाव में अकेला है, तो वह जातक को दया और विनम्रता प्रदान करता है, ऐसे व्यक्ति का हथियार उसकी विनम्रता होती है ।
03-मंगल ग्रह- किसी भी भाव में, मंगल अकेला होने पर व्यक्ति निर्मल एवं डरपोक बनता है, ऐसा व्यक्ति हमेशा दूसरों की दया पर निर्भर रहता है ।
04-बुद्धग्रह- किसी भी भाव में अकेला बुद्ध, जातक को लालची बनाता है ।
05-वृहस्पति ग्रह-किसी भी भाव में अकेला गुरु, अपने स्वामी की हर तरह से रक्षा करता है, और संकट से बचाता है।
06- शुक्र ग्रह- किसी भी भाव में अकेला शुक्र, अशुभ फल प्रदान करता है, परंतु जातक का सहयोग भी करता है
07शनि ग्रह--किसी भी भाव में अकेला शनि व्यक्ति को लालची व परिश्रमी बनाता है ।
08-राहु ग्रह-अगर किसी भी भाव में अकेला है ,तो जातक की रक्षा करता है ।
09-केतु ग्रह-केतु किसी भी भाव में अकेला होने पर व्यक्ति को परिश्रमी बनाता है।

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