पीरियड्स के बाद ब्लीडिंग होना क्या आम बात है?

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डॉ ऋतू चौधरी - एम.बी.बी.एस, एम.एस स्त्री रोग विशेषज्ञ

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पीरियड्स के बाद ब्लीडिंग होना क्या आम बात है ?

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आमतौर पर पीरियड्स 2 से 7 दिन चलते हैं

यदि आपको 7 दिन से ज़्यादा ब्लीडिंग हो रही है तो इसका कारण है

इमरजेंसी (24 घंटे वाली) गर्भनिरोधक गोली या स्वास्थ्य समस्याएं जैसे की सर्विकल पोलिप

यदि हर बार पीरियड्स के दौरान ऐसा हो रहा है तो महिला रोग विशेषज्ञ से सलाह लें


Summary :

इस कारण ब्लीडिंग 7 दिनों से ज़्यादा हो सकती है

इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोली
सर्विकल पोलिप

More info......

दो पीरियड्स के बीच योनि से खून बहने को ब्लीडिंग कहते हैं | ऐसे में एक महिला हल्के भूरे रंग के धब्बे या सामान्य ब्लीडिंग महसूस कर सकती है |

कारण


दो पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग को मेट्रोरेजिया कहते हैं | योनि से हल्के रक्तस्राव को 'स्पोटिंग' कहा जाता है। पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग कई कारणों से हो सकती है जैसे कि हॉर्मोनल बदलाव, चोट या कोई स्वास्थ्य समस्या।
हार्मोनल गर्भनिरोधक
हार्मोनल गर्भनिरोधक पीरियड्स के बीच योनि से ब्लीडिंग होने का कारण बन सकते हैं | जो आमतौर पर गर्भनिरोधक का उपयोग करने के पहले 3 महीनों के दौरान होता है।
यदि पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग बहुत भारी है या 3 महीनों से अधिक समय तक रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है |
इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग
कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के शुरुआती समय में स्पॉटिंग का अनुभव होता है, इसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कहा जाता है।
गर्भपात के बाद
एक गर्भपात प्रक्रिया के पूरा होने के बाद कभी भी स्पॉटिंग हो सकती है, भले ही पीरियड्स की तारीख कुछ भी हो।
यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई)
कुछ क्लैमाइडिया जैसे यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) योनि से ब्लीडिंग होने का कारण बन सकते हैं।
चोट
अगर योनि की त्वचा या टिश्यू को कोई नुक्सान पहुंचता है, तो खून बह सकता है। ऐसा होने का सबसे आम कारण है योनि के अंदर लिंग का जाना, ऐसा तब होता है जब सेक्स के दौरान लिंग के अंदर जाने से पहले योनि में पर्याप्त गीलापन न हो।
शरीर एक प्राकृतिक लुब्रीकेंट का उत्पादन करता है जो योनि को पेनिट्रेटिव सेक्स के लिए तैयार करता है। योनि का सूखापन की कई कारण हो सकते हैं जैसे की - कामोत्तेजना की कमी, हार्मोन का स्तर बदलना, रजोनिवृत्ति, डायबिटीज या कैंसर का इलाज शामिल है।
रजोनिवृत्ति या पेरीमेनोपॉज
रजोनिवृत्ति आमतौर पर 45 और 55 वर्ष की आयु के बीच होती है। यदि किसी महिला को 1 साल तक पीरियड्स न आए तो इसका मतलब है की रजोनिवृत्ति शुरू हो चुकी है | पेरिमेनोपॉज़ वह अवधि है जो रजोनिवृत्ति के आने तक होती है। यह 10 साल तक रह सकता है क्योंकि शरीर में हॉर्मोन का स्तर बदल जाता है। पेरिमेनोपॉज़ के दौरान हॉर्मोन का स्तर अक्सर अनियंत्रित होता है। इससे अनियमित पीरियड्स, स्पॉटिंग और भारी रक्तस्राव हो सकता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) अनियमित पीरियड्स का कारण बनता है, साथ ही पीरियड्स के दौरान रुक-रुक कर ब्लीडिंग होती है।
पीरियड के बीच योनि से ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से परामर्श लें |


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