दो दीवाने शहर में DO DEEWANE - HD वीडियो सोंग - भूपेंद्र & रूना लैला - अमोल पालेकर, जरीना वहाब

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#भूलेबिसरेगीत
#Bollyoldsongs

गाना / Title: दो दीवाने शहर में, रात में और दोपहर में - do diivaane shahar me.n, raat me.n aur dopahar me.n

चित्रपट / Film: घरोंदा-(Gharonda)

संगीतकार / Music Director: जयदेव-(Jaidev)

गीतकार / Lyricist: गुलजार-(Gulzar)
गायक / Singer(s): भूपेंद्र-(Bhupinder), Runa Laila


भू: एक दीवाना शहर में
रू: एक दीवाना नहीं, एक दीवानी भी
भू: Hmm? hmm-hmm. [it is hard to transcribe sounds! :-)]

then the song starts:
भू: दो दीवाने शहर में, रात में और दोपहर में
आब-ओ-दाना ढूँढते हैं एक आशियाना ढूँढते हैं
रू: दो दीवाने शहर में, रात में और दोपहर में
आब-ओ-दाना ढूँढते हैं एक आशियाना ढूँढते हैं

रू: इन भूलभुल{}इया गलियों में, अपना भी कोई घर होगा
अम्बर पे खुलेगी खिड़की या, खिड़की पे खुला अम्बर होगा
भू: इन भूलभुल{}इया गलियों में, अपना भी कोई घर होगा
अम्बर पे खुलेगी खिड़की या, खिड़की पे खुला अम्बर होगा
असमानी रंग की आँखों में
रू: असमानी या आसमानी?
भू: असमानी रंग की आँखों में
बसने का बहाना ढूंढते हैं, ढूंढते हैं
रू: आबोदाना ढूंढते हैं एक आशियाना ढूंढते हैं

भू: जब तारे ज़मीं पर चलते हैं
रू: तारे, और ज़मीं पर?
भू: of course
भू: जब तारे ज़मीं पर चलते हैं
रू: Hmmm hmmm
भू: आकाश ज़मीं हो जाता है
रू: आ आ आ
भू: उस रात नहीं फिर घर जाता, वो चांद यहीं सो जाता है
रू: जब तारे ज़मीं पर चलते हैं
आकाश ज़मीं हो जाता है
उस रात नहीं फिर घर जाता, वो चांद यहीं सो जाता है
भू: पल भर के लिये
रू: पल भर के लिये
भू: पल भर के लिये इन आँखों में हम एक ज़माना ढूंढते हैं, ढूंढते हैं
रू: आबोदाना ढूंढते हैं एक आशियाना ढूंढते हैं

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