Ganesh Chaturthi 2023: कब से हो रहा है गणेश उत्सव का शुभारंभ? जानिए तिथि, स्थापना मुहूर्त और विधि
Ganesh Utsav 2023 हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी से देशभर में गणेश चतुर्थी पर्व का शुभारंभ हो जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्त बप्पा को अपने घर लाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा को विदा कर देते हैं। आइए जानते हैं वर्ष 2023 में कब मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी पर्व मुहूर्त और स्थापना विधि।
गणेश चतुर्थी 2023 तिथि कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी की शुरुआत, 18 सितंबर दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से होगी और 19 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर्व 19 सितंबर 2023, मंगलवार के दिन से मनाया जाएगा
गणेश चतुर्थी 2023 पूजा विधि क्या?
गणेश चतुर्थी पर्व के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।
फिर शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं और मंत्रोंच्चारण के साथ भगवान गणेश को स्थापित करें। ओम गन गणपतए नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान श्री गणेश की प्रतिमा पर जल छड़कें।
इसके पश्चात उनकी पूजा के लिए हल्दी, चंदन , गुलाल सिंदूर ,मौली ,दूर्वा ,जनेऊ , मिठाई ,मोदक ,फल ,माला, और फूल चीजों को एक-एक कर भगवान को समर्पित करें।
साथ ही भगवान श्री गणेश को 21 लड्डुओं का भोग अवश्य लगाएं। पूजन में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को यह प्रसाद वितरित करें।
भगवान का भोग लग जाने के बाद धूप, दीप के साथ आरती करें। नीचे हम भगवान की आरती
भगवान श्री गणेश की आरती (Shri Ganesh Aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।।
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।
'सूर' श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
दीनन की लाज रखो,शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
आरती के पश्चात भगवान श्री गणेश के नामों का जयकारा लगना न भूलें। साथ में अन्य देवी-देवताओं के नाम का भी जयकारा लगाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। तो वहीं कहा जाता है कि भगवान के नामों का जयकारा लगाने से वातवरण में व्याप्त नकारात्म शक्तियां दूर हो जाती हैं। इस क्रम को प्रतिदिन नियमित तौर पर करना है. काली तंत्र मंत्र चैनल को लाइक सब्सक्राइब और शेयर करें
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