निबिया खेड़ा का शिव मन्दिर या बौद्ध विहार: रहस्यों की दुनिया

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Discription:--- निबियाखेड़ा का शिव मन्दिर या बौद्ध विहार
प्राचीन ईंटों का मन्दिर निबिया खेड़ा गांव में स्थिति है, इसे प्राचीन गुप्त कालीन ईंटों का मंदिर कहा जाता हैं, यह मन्दिर पंचायतन शैली में बना है, इस प्रकार की स्थापत्य कला में मुख्य मंदिर के चारो कोनों पर एक एक मन्दिर बना हुआ होता है, मुख्य मंदिर का शिव लिंग एक बड़े पत्थर को काट कर बनाया गया है ऐसा लगता है, इस मुख्य मंदिर पर गजलक्ष्मी की मूर्ती बनी है तथा गंगा की मकर वाली भारशिव काल की मूर्ती भी है।
प्रथम दोनो चित्र मथुरा संग्रहालय में संरक्षित है जो कि शिवलिंग पर बना है, इसके बाद चतुर्भुज स्थान की मूर्ती है इस पर भी बुद्ध का चित्र बना है, फिर बुद्ध की चौकी है लिलौटीनाथ नाथ के शिवलिंग पर भी बुद्ध का चित्र अंकित है, इस प्रकार कुषाण काल में बुद्ध का चित्र बनना शुरू हुआ, और भारशिव काल के समय तक बहुत से चित्र बन कर तैयार हो गए थे, और सभी शिवलिंगों पर बुद्ध का चित्र ही अंकित था। इस तरह की मूर्ति कला गुप्त काल के बाद तक बनती रहीं। बहुत से लोगों का यह मानना है कि मुख्य मंदिर में गजलक्ष्मी और गंगा यमुना की मूर्ती उनके वाहन मकर के साथ है इसलिए यह मंदिर पहले वैष्णव मंदिर रहा होगा जिसे बाद में शिव मंदिर में तब्दील किया गया होगा पर ऐसा सम्भव नहीं लगता क्यों कि गाजलक्ष्मी को बुद्ध की मां महामाया के रुप में और गंगा यमुना की मकर के साथ चित्र भारशिव वंश काल में चित्र बने हुए दिखाई देते हैं। इस मंदिर और कला का अध्ययन बहुत बारीकी से करने की जरूरत है।
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